बिल्डर अग्रवाल और राजू की हार्डडिस्क खोलेगी राज
कोलार जमीन घोटाला कोलार में सर्वधर्म गृह निर्माण समिति की 22.72 एकड़ जमीन की गलत तरीके से ली गई बिल्डिंग परमिशन के मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम अब बिल्डर नितिन अग्रवाल और पी. राजू के घर पर इस्तेमाल किए जा रहे कंप्यूटर की जब्त हार्ड डिस्क की डिटेल निकाल रही है। टीम का मानना है कि इससे बिल्डिंग परमिशन में की गई गड़बड़ी के सबूत मिल जाएंगे। टीम गुरुवार को मारे गए छापों में जब्त फाइलों की भी पड़ताल कर रही है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में गुरुवार को शहर के पांच अलग-अलग स्थानों पर छापा मारा था। यह कार्रवाई कोलार नगर पालिका के तत्कालीन सीएमओ राजेश श्रीवास्तव, तत्कालीन सब इंजीनियर विनोद त्रिपाठी, बिल्डर नितिन अग्रवाल और पी राजू के घर पर और स्वदेश बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के दफ्तर पर की गई थी। जमीन की गड़बड़ी के इस मामले में ईओडब्ल्यू ने 27 नवंबर को 30 से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। ईओडब्ल्यू के मुताबिक गुरुवार को हुई कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट शुक्रवार को अदालत में पेश कर दी गई। कोलार नपा में फर्जी बिल्डिंग परमिशन को लेकर ईओडब्ल्यू पुलिस की टीम ने गुरुवार को पूर्व बिल्डर समेत सीएमओ राजेश श्रीवास्तव, उप यंत्री विनोद त्रिपाठी के निवास समेत 5 ठिकानों पर दबिश दी। संबंधित बिल्डिंग परमिशन की तलाश में सर्चिंग वारंट के साथ ईओडब्ल्यू की पांच टीमों ने सुबह 8 बजे एक साथ सभी स्थानों पर छापे मारे। एक टीम होशंगाबाद रोड स्थित कोलार नपा के सीएमओ राजेश श्रीवास्तव के घर पहुंची। दूसरी टीम चूनाभट्टी स्थित पूर्व उपयंत्री विनोद त्रिपाठी के निवास, जबकि तीन टीमों ने चूना भट्टी स्थित दो बिल्डरों के घरों व कोलार स्थित दफ्तरों पर दबिश दी। शाम करीब 4 बजे तक हुई सर्चिंग के दौरान ईओडब्ल्यू पुलिस ने फर्जी बिल्डिंग परमिशन संबंधित दस्तावेजों के अलावा कई महत्वपूर्ण कागजात बरामद किए। सभी दस्तावेजों को जब्त कर ईओडब्ल्यू पुलिस अपने मुख्यालय ले गई है। जहां दस्तावेजों की छंटाई के बाद मामले से संबंधित दस्तावेजों की जांच शुरू की जाएगी। मालूम हो कि कोलार नगर पालिका क्षेत्र में 2009 से 2013 के बीच जारी हुई 25 बिल्डिंगों की फर्जी अनुमतियों दी गई थीं, जिसकी शिकायत की पड़ताल के बाद ईओडब्ल्यू ने कोलार नगर पालिका में दबिश देकर रिकॉर्ड रूम से 17 फाइलें बरामद की थीं, जबकि 8 फाइलें गायब हो चुकी थीं। इस संबंध में ईओडब्ल्यू ने नगर पालिका के अफसरों को नोटिस जारी कर फाइलें उपलब्ध कराने और जिम्मेदार अधिकारियों की सूची मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही टीएंडसीपी, कलेक्टोरेट, नजूल व सहकारिता से भी जारी एनओसी व दस्तावेज तलब किए थे। ईओडब्ल्यू ने इन 25 मामलों में से एक प्रकरण में दो बिल्डरों समेत नपा के तत्कालीन सीएमओ राजेश श्रीवास्तव, विनोद जैन, उपयंत्री विनोद त्रिपाठी, दैनिक वेतनभोगी दीपक श्रीवास्तव, विनय खरे, टीएनसीपी के तत्कालीन अफसर, तत्कालीन उपपंजीयक, तत्कालीन आॅडिटर सहकारी संस्थाएं, तत्कालीन तहसीलदार हुजूर के खिलाफ जालसाजी, साजिश व भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया था।