शहर में रोजाना हो रही 45 फीसदी बिजली चोरी
एक तरफ मप्र के कई जिले जहां बिजली संकट से जूझ रहे हैं और शहरी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली कटौती लगातार जारी है, वहीं राजधानी के कोलार, भेल, बैरागढ़ क्षेत्र समेत तकरीबन पूरे पुराने शहर में करोड़ों रुपए की बिजली चोरी खुलेआम की जा रही है। खास बात यह है कि जिला प्रशासन, विद्युत मंडल और भेल प्रशासन इनकी नाक में नकेल डालने में अब तक नाकाम साबित होते आ रहे हैं। अंदाजा है कि शहर भर में करीब 45 फीसदी बिजली चोरी हो रही है। जानकारों का कहना है कि यदि सरकार सख्त कदम उठाए तो सालाना करोड़ों रुपए की अवैध बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सकती है। इसके लिए जागरूकता की भी जरूरत है। जानकारी के मुताबिक कोलार,भेल क्षेत्र में करोड़ों रुपए की बिजली चोरी होना आम बात हो गई है। नेताओं के दबाव और झुग्गी वासियों के आतंक के चलते प्रशासन और म.प्र विद्युत वितरण कम्पनी इन चोरों पर नकेल डालने में नाकाम साबित हो रही है। अकेले कोलार, भेल टाउनशिप में करीब डेढ़ करोड़ की बिजली, सालाना अवैध रूप से तार डालकर चोरी की जा रही है। इस संबंध में भेल के बिजली विभाग ने कई वर्ष पहले स्काडा सिस्टम पर करोड़ों रुपए खर्च कर बिजली चोरी रोकने की कवायद शुरू की थी, लेकिन कई साल गुजर जाने के बाद भी यह सिस्टम बिजली चोरी रोकने में नाकाम साबित हुआ। यही हाल भेल से लगी झुग्गी बस्तियों के हैं जहां म.प्र विद्युत वितरण कंपनी का अमला हाथ डालने का साहस तो करता है, लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन का पूरी तरह सहयोग न मिलने के कारण असहाय महसूस करता है। भेल क्षेत्र की अन्ना नगर, सतनामी नगर, अर्जुन नगर, इंद्रपुरी, लेबर कॉलोनी, शांति नगर, झील नगर, शिव नगर, रूप नगर, खजूरी कला रोड और गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र की हजारों झुग्गियों में बिजली चोरी खुलेआम की जा रही है। वहीं विद्युत मंडल और भेल का अमला छिटपुट कार्रवाई के बाद खामोश हो जाता है।