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स्टेच्यू ऑफ यूनिटी भारत की एकता का तीर्थ : राज्यपाल पटेल
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भोपाल । मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा रोपित बीज को वट वृक्ष के रूप में देखकर हर्ष और गर्व हो रहा है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी भारत की एकता का तीर्थ है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गौरव जिसका आधार लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने रखा, उसके प्रतीक स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की पावन धरा पर आना हम सभी के लिए तीर्थ के समान है।
 
राज्यपाल पटेल मंगलवार को गुजरात के एकता नगर में आयोजित भारत पर्व के 11वें दिन के कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह उपरांत स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में उपस्थित दर्शकों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मप्र के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल और पर्यटन एवं संस्कृति राजयमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी मंचासीन थे। अतिथियों का स्टेच्यू ऑफ युनिटी और भारत भारती के पदाधिकारियों द्वारा स्मृति प्रतीक भेंट कर स्वागत किया गया।
 
राज्यपाल पटेल ने मध्य प्रदेश के प्रथम नागरिक के रूप में राष्ट्रीय एकता के तीर्थ पर हमारे राष्ट्रीय गौरव को नमन करने आए सभी भाई-बहनों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि भारत पर्व, सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन मात्र नहीं है; भारत की एकता, अखंडता और आत्मगौरव की भावना को नमन करने का प्रसंग है। इसीलिए भारत पर्व के अभूतपूर्व आयोजन में देश के सभी राज्यों, केन्द्र शासित क्षेत्रों की लोक संस्कृति, खान-पान, वस्त्र-विन्यास आदि के सम्मिलित प्रदर्शन के मंच भारत पर्व में हमारी अनेकता में एकता के भव्य स्वरूप देखने का अभूतपूर्व अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं, इसी भाव की अभिव्यक्ति के लिए 1 नवंबर से 15 नवंबर तक आयोजित कार्यक्रमों में देश के सभी राज्यों के राज्यपाल भी सम्मिलित हो रहे है।
 
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत उद्बोधन गुजरात के ऊर्जा, पेट्रोलियम कानून राज्यमंत्री कोशिक विकरिया ने दिया। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह गर्व की बात है कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण की संकल्पना से जुड़े जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री मंगुभाई पटेल मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में हम सब के बीच में उपस्थित हैं।
 
सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रमों की पहली प्रस्तुति मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के लोक नृत्य बधाई हो के साथ हुई। इसके बाद मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालेंड और गुजरात राज्यों के लोक कलाकारों द्वारा कुल 9 प्रस्तुतियाँ दी गई। कार्यक्रम का विशिष्ट आकर्षण मध्य प्रदेश के विकास, इतिहास, कला, शिल्प और विरासत की धरोहरों को शोकेस करने वाली दृश्य-श्रव्य और नृत्य सहित कला के विभिन्न रूपों की मल्टीमीडिया प्रस्तुति रही।
 
राज्यपाल पटेल ने भारत पर्व में लगाई गई विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की इंफोरमेशन स्टॉल, फूड स्टॉल और हस्तशिल्प स्टॉलों का अवलोकन किया। उपस्थित कलाकारों, कारीगर, कर्मचारी और अधिकारियों से चर्चा कर उनका उत्साहवर्धन किया। राज्यपाल ने महेश्वरी साड़ी के स्टॉल के विक्रेता से चर्चा की और फूड स्टॉल पर चंबल के पारंपरिक व्यंजन थोपा और सन्नाटा का रसास्वादन किया। राज्यपाल को बताया गया कि स्टॉल पर आलू बेड़नी, पूड़ी निमोना, मक्के की खीर और कोदो की खीर भी उपलब्ध है।
 
राज्यपाल पटेल ने भारत पर्व के पूर्व एकता नगर स्थित आरोग्य वन सरदार पटेल जियोलोजिकल पार्क, सरदार सरोवर डैम, विद्युत उत्पादन इकाई (रिवर बेड पॉवर हॉउस) और स्टेच्यू ऑफ युनिटी परिसर की प्रदर्शनी, गैलरी और थीम पवेलियन का अवलोकन किया।

"एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से ही सशक्त होगा राष्ट्र : उप मुख्यमंत्री देवड़ा
मप्र के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने मंगलवार को गुजरात के केवड़िया में आयोजित भारत पर्व समारोह में कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से ही राष्ट्र सशक्त बनेगा। उन्होंने राष्ट्र के एकीकरण के महानायक सरदार वल्लभ भाई पटेल को नमन किया। उन्होंने सरदार पटेल स्मृति संग्रहालय का भ्रमण किया और अपने विचार व्यक्त किये। यह आयोजन गुजरात सरकार द्वारा भारत सरकार के सहयोग से सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया। देवड़ा ने कहा कि यह अत्यंत सुखद संयोग है कि इस वर्ष राष्ट्रीय एकता और अखंडता के प्रतीक राष्ट्रगीत "वंदे मातरम'' की भी 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
 
देवड़ा ने कहा कि “जब भारत आज़ाद हुआ, तब 562 रियासतें थीं। सरदार पटेल ने अदम्य इच्छाशक्ति और अद्वितीय राजनीतिक कौशल के बल पर देश को एक सूत्र में पिरोया। आज का भारत उनके त्याग, परिश्रम और दूरदर्शिता का परिणाम है। सरदार पटेल का जीवन इस बात का प्रमाण है कि सच्चा नेतृत्व वह है जो राष्ट्र की एकता, अखंडता और समरसता के लिए कार्य करे।

“मध्य प्रदेश – विविधता में एकता का प्रतीक”
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि मध्य प्रदेश, विविधता में एकता की जीवंत मिसाल है। यहाँ की संस्कृति, बोली, पहनावा भले अलग हों, पर भावना एक है, आत्मा एक है। यह वही भूमि है जहाँ वीर टंट्या मामा, रानी अवंतीबाई, और टंट्या भील जैसे अमर बलिदानियों ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया।

मध्य प्रदेश समृद्धि की ओर अग्रसर
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आज विकास के नए युग में प्रवेश कर चुका है। प्रदेश ने अधोसंरचनात्मक विकास के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं का सुदृढ़ ढांचा तैयार किया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक है। उन्होंने बताया कि “कृषि क्षेत्र में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है। कृषि क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 43 प्रतिशत योगदान दे रहा है। औद्योगिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।”

“अमृत काल” में समृद्ध मध्यप्रदेश
देवड़ा ने कहा कि मध्य प्रदेश एक परिवर्तनशील यात्रा पर है, जो अमृत काल में समृद्ध भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष @2047, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहा होगा, तब मध्यप्रदेश एक समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में देश में अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा।

 

Kolar News 12 November 2025

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