मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने केंद्रीय संसदीय समिति के सदस्यों से चर्चा
भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास तथा कल्याण के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना हमारा उद्देश्य है। योजनाओं और कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य शासन विभिन्न सुझावों के प्रति संवेदनशील और नवाचारों के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को अपने निवास पर पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण के लिए गठित केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्यों पर चर्चा कर रहे थे। दरअसल, केन्द्रीय संसदीय समिति के सदस्य गुरुवार को मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान गुरुवार सुबह भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पहुंची थी।
संसद की अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण संबंधी समिति के अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि समिति अनुसूचित जाति जनजातियों के प्रतिनिधित्व की स्थिति के अध्ययन के लिए 03 नवंबर से 07 नवंबर तक मध्य प्रदेश और गोवा राज्य के भ्रमण पर है। बुधवार को यह समिति भोपाल पहुंची थी और शाम को राज्यपाल से सौजन्य भेंट कर अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण संबंधी कार्यों के संबंध में विचार-विमर्श किया।
कुलस्ते ने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय समिति द्वारा मैदानी स्तर पर समीक्षा की जा रही है। साथ ही कर्मचारियों के सेवा में प्रतिनिधित्व और उनके लिए संचालित कल्याणकारी गतिविधियों की प्रगति का भी आंकलन किया जा रहा है। योजनाओं व कार्यक्रमों के संबंध में समिति ने स्थानीय समुदायों, प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से संवाद किया है। समिति द्वारा तैयार की जा रही यह रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की जाएगी।
मुख्यमंत्री निवास पहुंची केन्द्रीय संसदीय समिति में राज्यसभा सांसद मिथलेश कुमार, ममता ठाकुर, सुमिता वाल्मिकी, देवेन्द्र प्रताप सिंह, फूलो देवी नेताम, रवांगारा नार्जरी, लोकसभा सांसद हरीश मीना, अरूण कुमार, प्रोतिमा मंडल, जगन्नाथ सरकार, गोविंद करजोल, डी. प्रसाद राव और विष्णु दयाल राम शामिल रहे।