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मध्‍य प्रदेश में दिखा पंखों की दुनिया का रंगीन सफर
bhopal, Colourful journey , Madhya Pradesh

भोपाल । प्रदेश की राजधानी भोपाल और ग्वालियर की शांत वादियों में हाल ही में एक ऐसा अनुभव आयोजित हुआ जिसने प्रकृति प्रेमियों और पक्षीप्रेमियों के मन में नई ऊर्जा भर दी। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड और अतावी बर्ड फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बर्ड वॉचिंग टूर ने पर्यटकों को पंखों की उस रंगीन दुनिया से रूबरू कराया, जिसे अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं। यह आयोजन भोपाल के बिसनखेड़ी क्षेत्र और ग्वालियर के महाराजपुरा इलाके में हुआ, जहां चिड़ियों की चहचहाहट और हरी-भरी प्रकृति ने मिलकर एक ऐसा वातावरण रचा जिसमें शामिल हर प्रतिभागी मंत्रमुग्ध हो गया।

टूर में 45 से अधिक पक्षीप्रेमी हुए शामिल

दरअसल, इस आयोजन में देश भर से आए 45 से अधिक बर्ड वॉचिंग प्रेमियों ने भाग लिया और उन्होंने करीब 50 से अधिक प्रजातियों का अवलोकन किया। यह संख्या अपने आप में बताती है कि मध्य प्रदेश पक्षियों की विविधता से कितना समृद्ध है। बड़े तालाब के किनारे बसे बिसनखेड़ी क्षेत्र में जब पर्यटक अपने कैमरे और दूरबीन लेकर पहुंचे तो सूरज की किरणों के साथ पक्षियों का स्वर समवेत गूंज उठा।

बर्ड गाइड अंकित मालवीय ने प्रतिभागियों को अलग-अलग प्रजातियों की पहचान कराई। प्रतिभागियों ने वायर-टेल्ड स्वैलो, पाइड बुशचैट, स्पॉटेड डव, ग्रे-हेडेड स्वाम्पहेन, ग्रे फ्रैंकोलिन, रॉक पिजन और सबसे खास भारतीय पैराडाइज फ्लाईकैचर जैसी सुंदर प्रजातियों का नजदीकी अवलोकन किया। हर एक पक्षी की गतिविधि और उसकी उड़ान प्रतिभागियों के लिए किसी जीवंत चित्र की तरह थी। दूसरी ओर ग्वालियर के महाराजपुरा क्षेत्र में भी यह आयोजन उतना ही आकर्षक रहा। यहां बर्ड गाइड विवेक वर्मा ने पर्यटकों को 50 से अधिक प्रजातियों से परिचित कराया और उनके व्यवहार व पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी दी। प्रकृति के इस संसार में विचरण करते हुए पर्यटक स्वयं को एक नए अनुभव से जोड़ते नजर आए।

हमारा प्रयास बर्ड टूरिज्म को प्रदेश की खास पहचान बनाना

इस दौरान पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी पक्षी विविधता और प्राकृतिक धरोहर के लिए पूरे देश में विशेष पहचान रखता है। उनके अनुसार बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं बल्कि सतत पर्यटन की दिशा में भी एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के आयोजन स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और नए अवसरों का निर्माण करते हैं और साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जनजागरूकता फैलाते हैं। इसके साथ ही उनका कहना था कि राज्य सरकार का प्रयास है कि बर्ड टूरिज्म को मध्य प्रदेश की विशेष पहचान बनाया जाए।

ये आयोजन बढ़ाते हैं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पर्यटन, संस्कृति, गृह और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व शिव शेखर शुक्ला का कहना रहा कि मध्य प्रदेश सचमुच एक प्राकृतिक धरोहर से भरपूर राज्य है जहां हर मौसम में बर्ड वॉचिंग का नया अनुभव मिलता है। बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाते हैं। उन्होंने माना कि यह पहल स्थानीय समुदायों को जोड़ते हुए पर्यावरण और पर्यटन दोनों को साथ लेकर चलने का बेहतरीन प्रयास है।

बर्ड टूर में शामिल हुए पक्षीप्रेमियों का कहना था कि यह आयोजन उनके लिए केवल सैर-सपाटा नहीं बल्कि सीखने और प्रकृति को समझने का अवसर भी था। कुछ लोगों ने तो पहली बार भारतीय पैराडाइज फ्लाईकैचर को इतने नजदीक से देखा और उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं था। प्रतिभागियों ने यह भी साझा किया कि इस अनुभव ने उन्हें पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा के प्रति और अधिक संवेदनशील बना दिया है ।

अब हर माह होंगे बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन

मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने यह घोषणा भी की कि बर्ड वॉचिंग जैसे आयोजन अब प्रत्येक माह आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोग इस अनोखे अनुभव से जुड़ सकें। 21 सितम्बर को छिंदवाड़ा और भोपाल तथा 28 सितम्बर को नरसिंहगढ़ के चिड़ीखो में बर्ड वॉचिंग टूर आयोजित होंगे। इन आयोजनों की बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है और इच्छुक पक्षीप्रेमी इसमें भाग लेकर मध्य प्रदेश की समृद्ध पक्षी विविधता का प्रत्यक्ष अनुभव कर सकते हैं।

उल्‍लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सरकार और टूरिज्म बोर्ड का यह प्रयास पर्यटन को नई दिशा देने के साथ प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आने वाले समय में जब हर महीने ऐसे आयोजन होंगे, तब यह पहल देश भर के बर्ड वॉचर्स को आकर्षित करेगी, जोकि प्रदेश को बर्ड टूरिज्म के मानचित्र पर एक मजबूत पहचान भी दिलाएगी।

Kolar News 16 September 2025

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