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भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित करेगी विक्रमादित्य वैदिक घड़ी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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भोपाल। मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतवर्ष ने अपने ज्ञान से सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अलौकिक किया है। कालगणना की पद्धति 300 साल पहले तक हमारे देश से दुनिया तक जाती थी। भारतीय संस्कृति का प्रत्येक पहलु प्रकृति और विज्ञान का ऐसा विलक्षण उदाहरण है, जो विश्व कल्याण का पोषक है। इन्हीं धरोहरों के आधार पर निर्मित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय परम्परा का गौरवपूर्ण प्रतीक है। इस घड़ी के माध्यम से भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। विरासत-विकास-प्रकृति और तकनीक के संतुलन का प्रकटीकरण विक्रमादित्य वैदिक घड़ी से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के अनावरण और उसके ऐप लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राजा भोज पर यूट्यूब सीरीज के फोल्डर और खगोल विज्ञान पर फिल्म सीडी का किया विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास के नवनिर्मित द्वार पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का मंत्रोच्चार के बीच अनावरण किया। इस अवसर पर शौर्य स्मारक से आरंभ हुई 'भारत का समय-पृथ्वी का समय' रैली मुख्यमंत्री निवास पहुंची। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रैली में शामिल युवाओं का स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ऐप का लोकार्पण, राजा भोज पर निर्मित यू-ट्यूब सीरीज के फोल्डर का विमोचन और खगोल विज्ञान पर केन्द्रित फिल्म की सीडी का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वैदिक घड़ी के उपयोग को प्रोत्साहित करने का आहवान किया और उपस्थित युवाओं से मोबाइल में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी ऐप भी डाउनलोड करवाया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को इस अवसर पर वैदिक घड़ी भेंट की गई।


भारतीय कालगणना में ऋतुओं के प्रभाव का विशेष महत्व
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि सनातन संस्कृति के व्रत, त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर नहीं आते, उनकी गणना में ऋतुओं का प्रभाव शामिल है। सावन-भादो-कार्तिक माह का प्रभाव हम सब अपने जीवन में अनुभव कर रहे हैं। पूर्णिमा और अमावस्या का समुद्र पर प्रभाव ज्वार-भाटा से आंका जा सकता है, इससे हमारी तिथियों की सत्यता भी प्रमाणित होती है। मानसिक रोगियों पर अमावस्या और पूर्णिमा का प्रभाव चिकित्सा शास्त्र भी स्वीकार करता है। मानव शरीर संरचना में 70 प्रतिशत जल का अंश है, जो अमावस्या और पूर्णिमा पर प्रभावित होता है। इसी का परिणाम है कि मानसिक चिकित्सालयों को अमावस्या और पूर्णिमा पर विशेष सतर्कता बरतने के स्थाई निर्देश हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारतीय शास्त्रों में समय की गणना सूक्ष्मतम स्तर तक की गई है। सनातन संस्कृति में सूर्योदय से सूर्योदय तक की गणना का विधान है। इस प्राचीन गणना में 30 मुहूर्त हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति में विभिन्न सिद्धांतों पर विचार-विमर्श के लिए कोई बंधन या दंड नहीं है, जबकि कालगणना पर वैचारिक मतभेद के कारण मृत्युदंड देने का उद्धरण पश्चिम के इतिहास में मिलता है।


पंचांग भारतीय कालगणना की शुद्धता और सटीकता का हैं जीवंत उदाहरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खगोलीय अध्ययन के लिए सूर्य से बनने वाली छाया के आधार पर सूर्य की गति की गणना की गई। उन्होंने बताया कि भारत का केन्द्र उज्जैन है और उज्जैन का केन्द्र वर्तमान में डोंगला में स्थित है। डोंगला का प्रसंग भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा से जुड़ता है। संभवत: डोंगला के इस महत्व से ही भगवान श्रीकृष्ण का आगमन हुआ था। पंचांग भारतीय कालगणना की शुद्धता और सटीकता का जीवंत उदाहरण हैं। पंचांग के विद्वान चंद्रग्रहण, सूर्यग्रहण, तिथि, नक्षत्र, वार, व्रत, त्यौहार और मुहूर्तों की जानकारी वर्तमान में भी त्वरित रूप से उपलब्ध कराते हैं।


प्रदेशवासियों द्वारा दिया गया अधिकार और लोगों का भरोसा ही हमारी सरकार का आधार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास के द्वार पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री निवास केवल मुख्यमंत्री का नहीं, अपितु सभी प्रदेशवासियों की धरोहर है। प्रदेशवासियों द्वारा दिया गया अधिकार और लोगों का भरोसा ही हमारी सरकार का आधार है। भारतीय संस्कृति के अतीत के गौरवशाली पृष्ठों का प्रकटीकरण हमारा दायित्व है। इसी का परिणाम है कि हमारी कालगणना का केन्द्र उज्जैन है, परंतु कालगणना की पद्धति की जानकारी प्रदेश की राजधानी में हो, इसके लिए प्रयास करते हुए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की स्थापना भोपाल में की गई।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैदिक घड़ी के ऐप के माध्यम से हम अपने मोबाइल में वैदिक घड़ी का संचालन कर सकते हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा और संस्कृति विभाग के इस आयोजन में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि हम आजादी के अमृतकाल में चल रहे हैं। पूरी दुनिया का समय बदल रहा है, पश्चिम के बाद अब पूर्व का समय आया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दृष्टिकोण को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत का मान-सम्मान बढ़ाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम निरंतर सक्रिय और अग्रसर हैं।

सनातन संस्कृति को सहेजने की पहल सराहनीय और वंदनीय
खेल एवं युवा कल्याण तथा सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि उस राष्ट्र का भविष्य ही सुरक्षित रहता है, जो अपने अतीत और संस्कृति को प्रतिबद्धता के साथ आत्मसात करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में सनातन की ध्वजा चहुंओर लहरा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पिछले लगभग दो वर्षों में विकास और जनकल्याण के साथ सनातन संस्कृति को सहेजने की जो पहल की है, वह सराहनीय और वंदनीय है। कार्यक्रम को पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, सांसद आलोक शर्मा, वैदिक घड़ी के अन्वेषणकर्ता आरोह श्रीवास्तव, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे और महर्षि सांदीपनि विश्वविद्यालय के कुलगुरू पंडित शिवशंकर मिश्र ने भी संबोधित किया।


कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक विष्णु खत्री, भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय, अध्यक्ष नगर निगम किशन सूर्यवंशी, मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्रीराम तिवारी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरू और बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

वैदिक घड़ी और ऐप की विशेषताएं
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है, जो भारतीय परंपरा, वैदिक गणना और वैज्ञानिक दृष्टि का अद्भुत संगम है। यह भारत की सांस्कृतिक धुरी बनकर वैश्विक भाषाओं, पंरपराओं, आस्था और धार्मिक कार्यों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी। साथ ही विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के तैयार किये गये मोबाइल ऐप में 3179 विक्रम पूर्व, महाभारतकाल से लेकर 7 हजार से अधिक वर्षों के पंचांग, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, वार, मास, व्रत एवं त्यौहारों की दुर्लभ जानकारियां समाहित की गई हैं। धार्मिक कार्यों, व्रत और साधना के लिए 30 अलग-अलग शुभ मुहूर्तों की जानकारी एवं अलार्म की सुविधा भी है। प्रचलित समय में वैदिक समय (30 घंटे), वर्तमान मुहूर्त स्थान, GMT और IST समय, तापमान, हवा की गति, आर्द्रता एवं मौसम संबंधी सूचनाएं भी लोगों को उपलब्ध करायी गई है। यह ऐप 189 से अधिक वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध है। इसमें दैनिक सूर्योदय और सूर्यास्त की गणना तथा इसी आधार पर हर दिन के 30 मुहूर्तों का सटीक विवरण शामिल है।

 

Kolar News 1 September 2025

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