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भोपाल। मध्य प्रदेश सीधी जिले में स्कॉलरशिप दिलाने के नाम पर सात आदिवासी छात्राओं से दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। छात्राओं की शिकायत के बाद पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अब इस पूरे मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा है। इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी लड़कियों की सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन करने की बात कही है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा सीधी ज़िले में स्कॉलरशिप का झाँसा देकर सात आदिवासी छात्राओं से बलात्कार का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला है। पुलिस का कहना है कि और भी लड़कियाँ इसका शिकार हो सकती हैं अर्थात बलात्कार पीड़ित आदिवासी लड़कियों की संख्या 7 से अधिक भी हो सकती है। कमलनाथ ने आगे कहा कि देश अब तक भूला नहीं है कि इसी सीधी ज़िले में एक आदिवासी युवक के सिर पर भाजपा के नेता ने पेशाब की थी। क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय की लड़कियाँ निर्भय होकर कॉलेज में पढ़ाई भी नहीं कर सकतीं? ऐसे हालात में "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ" के नारे का क्या अर्थ रह जाता है? मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन है। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार का समाचार सामने न आता हो।
पूर्व सीएम ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि सभी पीड़ित छात्राओं को समुचित आर्थिक सहायता दी जाए। इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जाए। बेटियों से अत्याचार में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख़्शा जाए? मुख्यमंत्री प्रदेश में आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फ़ोर्स का गठन करें ताकि आदिवासी समाज की बच्चियां समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें और अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।
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