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भोपाल। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश सरकार ने पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच में क्लीन चीट देने के बाद चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है, उधर अब भी अभ्यर्थी जांच से संतुष्ट नहीं हैं और पटवारी भर्ती में धांधली का आरोप लगाते हुए इसकी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
बुधवार को भोपाल में युवाओं ने धरना-प्रदर्शन किया। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले सैकड़ों युवा ज्योति टाकीज के पास एक जुटे और यहाँ से रैली की शक्ल में वल्लभ भवन की तरफ बढे, इनके हाथों में नारे लिखी तख्तियां थी। ये परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे। उनका आरोप है पटवारी भर्ती में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। युवाओं की योजना वल्लभ भवन का घेराव करने की थी। भोपाल पुलिस ने अनुमति नहीं लेने का कहकर प्रदर्शनकारी युवाओं को धरना स्थल से हटाया। इसके साथ ही कुछ युवाओं को हिरासत में भी लिया गया है।
कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशाना
उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छात्रों के समर्थन में उतर आये हैं। उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी की भर्तियों में हो रहे भ्रष्टाचार और बहुत से सरकारी पदों पर भरती ना होने के खिलाफ प्रदेश के नौजवान आज भोपाल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन युवकों की मांग है कि पटवारी भर्ती परीक्षा को दी गई क्लीन चिट सही नहीं है और गलत तरीके से पास हुए लोगों पर कार्यवाही की जाए।
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में शिवराज सरकार के दौरान लगातार नौजवान यह मुद्दे उठाते रहे और डॉक्टर मोहन यादव सरकार में भी युवाओं को सरकारी नौकरियों में होने वाले इस भ्रष्टाचार और सरकार के उदासीन रवैये से जूझना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश का नौजवान बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सरकारी उदासीनता की तिहरी मार से परेशान है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा सरकार ने युवाओं को नौकरी न देने का मन बना लिया है और प्रदेश को भ्रष्टाचार के रास्ते पर धकेल दिया है।
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