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तीन हजार किलोमीटर से अधिक लंबी और 148 दिन चली ऐतिहासिक नर्मदा यात्रा के पूर्ण जाने के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आदिवासी अधिकार यात्रा पर निकलने की तैयारी में हैं। इस यात्रा का रोड मैप तैयार हो रहा है। इस यात्रा के दौरान आदिवासी सीएम 47 आदिवासी विधानसभा सीटों में तो जाएंगे ही, वे उन क्षेत्रों में भी जाएंगे जो आदिवासी भले ही न हो पर जहां आदिवासी मतदाता निर्णायक स्थिति रखते हैं। भाजपा के चरैवेती के मूलमंत्र पर चलने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार प्रदेश में सक्रिय रहते हैं। पांच महीने की नर्मदा यात्रा के बाद अब उन्होंने संगठन नेताओं से चर्चा के बाद आदिवासी अधिकार यात्रा पर निकलने का प्लान तैयार किया है। यह यात्रा जुलाई माह में शुरू हो सकती है। एक महीने तक चलने वाली इस यात्रा में सीएम आदिवासियों से सीधे रूबरू होंगे और उनसे चर्चा कर यह जानेंगे कि उन्हें प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ग के लिए चलाई जा रही योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है। सूत्रों की माने तो समाधान आनलाइन के बाद सीएम ने अफसरों को निर्देश भी दिए थे कि आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के लाभ की वे समीक्षा करें। उन्होंने यह भी कहा था कि जिन क्षेत्रों में आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे नहीं मिले हैं, उन्हें चिन्हित कर जल्द ही उन्हें पट्टे दिए जाएं।
नर्मदा यात्रा में कवर हुई 100 विधानसभा सीटें
इधर चुनावी तैयारियों में लगे संगठन ने नर्मदा सेवा यात्रा के राजनीतिक फायदे का आंकलन शुरू कर दिया है। संगठन महामंत्री रामलाल को संगठन नेताओं ने नर्मदा यात्रा के दौरान मिले अपार जनसमर्थन के बारे में बताते हुए कहा कि सीएम की इस यात्रा के दौरान सौ विधानसभा सीटें कवर हो चुकी है। यहां माहौल पार्टी के लिए बेहद सकारात्मक है। रामलाल को 21 मई से विधानसभा क्षेत्रों में उतरने वाले समयदानी कार्यकर्ताओं के काम के बारे में भी जानकारी दी गई।
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