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जो काम भाजपा सरकार ने कर दिए उनके लिए वचन पत्र में वादे कर रही कांग्रेस: मुंडा
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भोपाल। आजादी के बाद देश-प्रदेश में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन इन सरकारों ने जनजातीय समाज की उपेक्षा की। जनजातीय समाज के लिए काम करने की बजाय कांग्रेस इनके हितों की अनदेखी करती रही, इसीलिए देश-प्रदेश की जनता ने उसे नकार दिया है। मध्यप्रदेश में चुनाव हैं और कांग्रेस पार्टी एक बार फिर जनजातीय समाज के लोगों को भ्रमित करने में जुट गई है। कांग्रेस पार्टी ने अपने वचन पत्र में उन बातों को भी शामिल कर लिया है, जिन्हें भाजपा की सरकार पहले ही लागू कर चुकी है।

यह बात केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को भोपाल में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की सरकारों ने देशवासियों और जनजातीय समाज के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने जनजातीय समाज को उपेक्षित रखा। कांग्रेस सत्ता में बने रहने की हथकंडेबाजी करती रही। कांग्रेस ने जो वादे जनजातीय समाज से किए, उन्हें पूरा नहीं किया। जो नीतियां बनाई लागू नहीं की।

जो काम हो चुके, उनके लिए वचन पत्र में वादे कर रही कांग्रेस

अर्जुन मुंडा ने कहा कि भाजपा की सरकारों ने जो काम जनता के हित में, जनजातीय समाज की भलाई के लिए किए हैं, उनसे कांग्रेस घबराई हुई है और यही बात उसके वचन पत्र से भी स्पष्ट होती है। गत वर्ष 15 नवंबर को शहडोल में आयेजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने पेसा एक्ट के अंतर्गत प्रबंधन के दायित्व पंचायतों और ग्राम सभाओं को देने की शुरुआत कर दी थी। लेकिन कांग्रेस इसके लिए अपने वचन पत्र में वादा कर रही है। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में जनजातीय अधिकारों के लिए कानून बनाने की बात की है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार अलग से जनजातीय कार्य मंत्रालय और संवैधानिक तौर पर अलग आयोग बनाने का काम पहले ही कर चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार जनजातीय बहुल क्षेत्रों में डॉ. भीमराव अंबेडकर और वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर खेल परिसर बनाने का काम कर रही है और कांग्रेस अपने वचन पत्र में इनके लिए भी वादे कर रही है।

 

जनजातीय समाज को छलती रही है कांग्रेस

 

केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस जनजातीय समाज को वोट बैंक समझकर छलती रही है। मध्यप्रदेश में 41 साल तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन कभी भी उसने दलित, आदिवासी समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया, बल्कि इसके लिए राजपरिवारों के सदस्यों, धन्ना सेठों और गांधी परिवार के दरबारियों को ही चुना जाता रहा। कमलनाथ की 15 महीनों की सरकार ने बैगा, भारिया और सहरिया भाइयों के लिए शुरू की गई योजनाएं बंद करके उन्हें मिल रही सुविधाओं से वंचित कर दिया था। कांग्रेस की सरकारों ने दलितों, आदिवासियों के लिए केंद्र से मिलने वाले फंड को कभी भी पूरी तरह उपयोग नहीं किया।

 

जनजातीय समाज और क्षेत्रों का विकास कर रही भाजपा सरकार

उन्होंने कहा कि 2014 में देश की जनता ने अभूतपूर्व समर्थन देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनाई, जो राज्य सरकार के साथ मिलकर लगातार जनजातीय समाज के हित में काम कर रही है, नीतियों को लागू कर रही है। कांग्रेस की सरकार के समय 2003 में जनजातीय कार्य विभाग का बजट 746.6 करोड़ रुपये था, जिसे 2022-23 तक मोदी सरकार ने बढ़ाकर 10813 करोड़ कर दिया है। इस हिसाब से बजट में 1348 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। केंद्र में 10 वर्ष तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी, जिसने देश भर में आदिवासी कल्याण के लिए मात्र 29,000 करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आदिवासी कल्याण पर 1,32,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

 

विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य मूलभूत आवश्यकताएं हैं, जिनके लिए भाजपा की सरकारों ने विशेष प्रयास किए हैं। भाजपा की सरकार ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में 63 आवासीय विद्यालय खोले हैं, जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने 95 सीएम राइज स्कूल खोले हैं। कांग्रेस के समय में सिर्फ 03 कन्या शिक्षा परिसर थे, जिन्हें भाजपा की सरकार ने 84 तक पहुंचा दिया है। कांग्रेस के समय में 725 आश्रम थे, जिन्हें भाजपा की सरकार ने 1083 तक बढ़ा दिया है। कांग्रेस के समय में खेल परिसरों की संख्या महज 14 थी, जिन्हें भाजपा की सरकार ने 26 तक पहुंचा दिया है। आज प्रदेश के आश्रमों, छात्रावासों, विद्यालयों, एकलव्य शालाओं, कन्या शिक्षा परिसर एवं क्रीड़ा परिसरों में लगभग 24 लाख जनजातीय विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं।

 

भाजपा सरकार दे रही जनजातीय नायकों को सम्मान

 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा गांधी परिवार को ही प्रमुखता और सम्मान दिया, जनजातीय नायकों को भुला दिया। उन्होंने कहा कि मैं झारखंड के खूंटी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं, जहां भगवान बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाया और अपनी पारंपरिक व्यवस्था तथा आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए प्राणों की आहुति दे दी। भगवान बिरसा मुंडा को सम्मान देने के लिए मोदी सरकार ने उनके जन्मदिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की है। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, राजा शंकरशाह, रघुनाथ शाह, वीरांगना रानी दुर्गावती, भीमा नायक और खाज्या नायक जैसे महापुरुषों के सपनों को साकार कर रही है। इन महापुरुषों और जन नायकों की स्मृतियों को संजोने के लिए प्रदेश सरकार स्मारक और संग्रहालय बना रही है। भाजपा सरकार ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नामकरण रानी कमलापति और पातालपानी स्टेशन का नामकरण टंट्या मामा के नाम पर करके इन नायकों को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाने का काम भाजपा की सरकारें कर रही हैं और इनके परिणामस्वरूप पूरे देश में जनजातीय गौरव वापस लौट रहा है। भाजपा के नेतृत्व में जनजातीय समाज सशक्त और समृद्ध बन रहा है।

Kolar News 25 October 2023

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