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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की विशेष बैठक बुला कर राजधानी में ऑनलाइन ऋण प्राप्त करने वाले एक परिवार द्वारा आत्महत्या किए जाने की जानकारी लेकर निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को देखते हुए सायबर अपराधों पर सख्त नियंत्रण की आवश्यकता है। परिवारों को इस तरह बर्बाद होते नहीं देखा जा सकता। तकनीक का उपयोग कर ऐसी घटनाओं को रोका जाये और दोषियों को दंडित करें। लोगों को सायबर क्राइम से बचाने के लिए व्यापक अभियान भी चलाया जाए।मुख्यमंत्री चौहान ने आज पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, पुलिस आयुक्त भोपाल हरिनारायण चारी मिश्र और अन्य अधिकारियों को इस संबंध में विस्तृत निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव गृह डॉराजेश राजौरा, एडीजी श्री आदर्श कटियार और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसी घटनाएँ न हों, इसके लिए आवश्यक जनजागरूकता की जरूरत है। इसके लिए एक पृथक कार्य-योजना बना कर अमल किया जाए। जनता को ऑनलाइन ऋण उपलब्ध कराने के ऑफर देने वाले लोगों पर नजर रखी जाए। जिस एप के माध्यम से यह अपराध होते हैं, उनका संचालन करने वालों की धर पकड़ की जाए। यदि स्थानीय लोग इनमें शामिल नहीं हैं और देश के अन्य स्थानों या विदेश से ऐसी अवैध गतिविधियों का संचालन हो रहा हो तो उन तक पहुँचने के लिए दल भी भेजे जाएँ। लोगों को पैसा दिलवाने का लोभ देकर उन्हें ठगने वाले लोगों के विरूद्ध हर व्यक्ति को जागरूक होना चाहिए। पुलिस द्वारा भी इस संबंध में व्यापक अभियान संचालित होना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऋण के दुष्चक्र में फँसने वाला व्यक्ति विवश होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाए, उसके पूर्व प्राप्त शिकायतों पर तत्परता से कार्यवाही की जाए। जागरूकता अभियान व्यापक स्तर पर चलना चाहिए। विशेषकर विद्यालय और महाविद्यालयों में इस संबंध में व्याख्यान भी होना चाहिए ताकि विद्यार्थी ऑनलाइन ऋण प्रदान करने के प्रलोभन से बचें।पुलिस अफसरों ने बताया भारत सरकार ने करीब 90 एप पर प्रतिबंध लगाया है। सचेत पोर्टल भी कार्य कर रहा। रिजर्व बैंक द्वारा कई एप अधिकृत नहीं है, जो लोगों को ऋण दिलाने का काम करें। भोपाल में हुई घटना की गंभीरता से विवेचना की जा रही है।
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