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यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा इन्सीनरेटर में जलाकर नष्ट किया जाएगा। इस पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति बन गई है। सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि कचरा जलाने के लिए जल्द तीन अलग-अलग ट्रायल रन किए जाएंगे। इसमें 135 किलोग्राम, 180 किलोग्राम और 270 किलोग्राम कचरे को बारी-बारी से इन्सीनरेटर में 72 घंटे तक जलाया जाएगा।जो भी ट्रायल सफल होगा, उसके आधार पर कचरा नष्ट करने की समय-सीमा तय कर दी जाएगी। पूरा कचरा नष्ट करने पर 126 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह केंद्र सरकार वहन करेगी। यूनियन कार्बाइड परिसर में वर्तमान में 337 मीट्रिक टन रासायनिक कचरा मौजूद है, जिसे जलाकर नष्ट किया जाना है। ट्रायल रन कब से शुरू होगे, इसका फैसला जुलाई माह में लिया जाएगा।यूका परिसर के आसपास मिट्टी और भूजल में जहरीले कचरे के असर की फिर से जांच होगी। यह जांच नीरी से कराई जाएगी। आखिरी बार 2018 में मिट्टी और भूजल की जांच हुई थी। इसमें यूका परिसर की 5 किमी की परिधि में भू-जल दूषित पाया गया था। 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूका के 10 मीट्रिक टन कचरे को पीथमपुर में रामकी इनवायरों के इंसीनेरेटर में ट्रायल रन के दौरान जलाया गया था। इस ट्रायल पर 1 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
Kolar News
20 June 2023
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