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भोपाल। छिंदवाड़ा गरीब कल्याण की योजनाओं के हितग्राहियों का गढ़ है। आज यह साबित हुआ है कि पार्षद के उपचुनाव में कमलनाथ जी के अपील जारी करने के बाद नकुल नाथ के पार्षद चुनाव में इंवॉल्वमेंट होने के बाद भी वार्ड के सभी बूथों पर भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक जीत पाकर छिंदवाड़ा के अंदर इतिहास बनाया है। छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ जी, मिस्टर बंटाढार जी और प्रियंका गांधी जी जो चुनाव प्रचार करके अभी गई थीं, उन्हें भी आईना दिखाया है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही।
प्रदेश अध्यक्ष ने छिंदवाड़ा के वार्ड चुनाव सहित प्रदेश की अन्य नगरीय निकायों में हुए पार्षद उपचुनाव में भाजपा की जीत के लिए स्थानीय जनता और कार्यकर्ताओं का आभार माना है।
प्रत्येक बूथ पर 51 प्रतिशत वोट शेयर का संकल्प, छिंदवाड़ा से हुई शुरूआत
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्येक बूथ पर 51 प्रतिशत वोट शेयर का जो विजय संकल्प लिया है, आज उसकी छिंदवाड़ा से शुरुआत हुई है। छिंदवाड़ा के वार्ड क्रमांक 42 के पार्षद उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी संदीप चौहान ने सभी बूथों पर कांग्रेस को पछाड़ते हुए 436 वोटों से जीत दर्ज की है। भाजपा प्रत्याशी ने हर बूथ पर लगभग 62 प्रतिशत वोट प्राप्त किये हैं। उन्होंने कहा कि अभी तो यह अंगड़ाई है आगे देखते चलिए मध्य प्रदेश विजय के परचम की ओर अग्रसर हुआ है।
कमलनाथ बताएं क्या वे धर्मांतरण कानून रद्द करने के निर्णय से सहमत हैं ?
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द किये जाने को कर्नाटक सरकार का जेहादी चेहरा बताया है। शर्मा ने कहा कि सत्ता पाने के लिए हनुमान भक्ति का ढोंग करने वाली कांग्रेस सत्ता में आते ही धर्मांतरण का समर्थन करने लगी है। कर्नाटक में धर्मान्तरण के विरुद्ध बनाये गए कानून को कांग्रेस सरकार ने रद्द करके एक बार पुनः सिद्ध कर दिया कि कांग्रेस में मोहब्बत की दुकान केवल और केवल जेहादियों,धर्मान्तरण करने वालों एवं देश विरोधी तत्वों के लिए है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की हिन्दू विरोधी क्रोनोलॉजी इस बात से समझ में आती है कि कांग्रेस ने पहले ’केरला स्टोरी’ जैसी धर्मांतरण और जिहाद को उजागर करने वाली फिल्म का विरोध किया फिर चुनाव जीतने के लिए हनुमान भक्ति का छद्म चोला ओढ़ा और अब चुनाव जीतकर धर्मांतरण विरोधी कानून खत्म कर जिहादियों और कट्टरपंथियों को बढ़ावा देकर हिन्दुओं के दमन का कुत्सित प्रयास किया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2018 के चुनाव से पूर्व कमलनाथ मुसलमानों को बूथ के आधार पर बांटकर 90 प्रतिशत वोट मांग रहे थे और जीतने के बाद ’इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस’ में जिन्ना के सपनों का पाकिस्तान दिखाया। मध्यप्रदेश कांग्रेस और कमलनाथ भी धर्मान्तरण का समर्थन करते हैं और अगर नहीं करते तो कर्नाटक सरकार के निर्णय का विरोध करें। कमलनाथ बताएं कि क्या वे कर्नाटक सरकार के निर्णय से सहमत है?
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