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नए साल में मंत्रियों-अधिकारियों की पहली संयुक्त बैठकमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने साफ़ कहा कि अगर भ्रस्टाचार होता है तो इसके लिए मंत्री भी जिम्मेदार होंगे ।
उन्होंने कहा कि यदि विभाग में भ्रष्टाचार होता है तो अधिकारी के साथ अब मंत्री भी जिम्मेदार होंगे। भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वे अफसर जो चेतावनी के बावजूद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उन्हें अब सीधे बर्खास्त कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अपना रुख साफ करते हुए मंत्रियोें और अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के कायाकल्प के लिए जो अभियान शुरू किया है, उसमें भ्रष्टाचार के लिए कहीं भी गुंजाइश नहीं है। ऐसे में प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की जो नीति अपनाई गई है, उसका सख्ती से पालन किया जाएगा।
विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती हैं। जांच एजेंसियां अपना काम करती हैं, लेकिन विभागीय प्रमुख होने के नाते मंत्रियों की भी जिम्मेदारी है। वे सजग और सचेत रहें। ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलें ताकि फीडबैक मिल सके। देखने में आ रहा है कि जिन अधिकारियों को भ्रष्टाचार को लेकर बार-बार चेताया जा रहा है वे सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, उन्हें सीधे बर्खास्त किया जाएगा।
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