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युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया हुए गिरफ्तार
विक्रांत भूरिया

मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया को रविवार को भोपाल जीआरपी ने झाबुआ से गिरफ्तार कर लिया। कांग्रेसियों ने पुलिस कार्रवाई का जमकर विरोध किया। भूरिया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद शुक्रवार शाम भोपाल में ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया था। इसी मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई है। पुलिस उन्हें शाम पांच बजे तक राजधानी लेकर पहुंचेगी। यहां उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।जीआरपी थाना प्रभारी एमएस सोमवंशी ने बताया कि विक्रांत भूरिया, अखिलेश यादव, मनीष चौधरी समेत 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 143, रेलवे एक्ट की धारा 145, 147 के तहत केस दर्ज किया गया था।कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ता भोपाल में शुक्रवार शाम करीब 5.30 बजे रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। यहां पांच नंबर प्लेटफार्म पर जबलपुर की ओर जा रही चलती ट्रेन को रोक दिया था। उन्होंने करीब 15 मिनट तक हंगामा किया। युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विकांत भूरिया समेत कई नेता इंजन के ऊपर चढ़ गए थे। इन लोगों ने यहां जमकर नारेबाजी भी की थी। पुलिस ने कांग्रेसियों को खदेड़ दिया था।विक्रांत भूरिया ने कहा कि राहुल गांधी के प्रकरण से पहले जेपी नड्‌डा ने सभी ओबीसी सांसदों को बैठक पर बुलाया। ये साफ दिखाता है कि संसद से लेकर सभी लोग बीजेपी वालों के लिए काम कर रहे हैं। ये चाहते हैं कि जो ताकत से आवाज उठाएगा, उसकी आवाज बंद कर दें। हम चुप नहीं रहेंगे। आज ये लोग गिरफ्तार करने आए हैं, इन्हें लगता है हम डर जाएंगे। मैं डरूंगा नहीं, इनके साथ जाऊंगा। यदि जेल जाना पड़ा तो जेल भी जाऊंगा। ये क्रांतिकारियों की भूमि है।यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया के खिलाफ दर्ज सभी धाराओं में सात साल से कम सजा का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद पुलिस सात साल से कम सजा के अपराध के आरोपियों की अमूमन गिरफ्तारी नहीं करती है। 2010 में सीआरपीसी की धारा-41 में संशोधन कर जोड़ी गई धारा के अनुसार पुलिस पहले आरोपी को नोटिस देकर बुलाएगी और नोटिस की शर्तों का पालन किए जाने की स्थिति में आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। साथ ही आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर पर लेने से पहले जांच अधिकारी द्वारा अदालत को लिखित में कारण बताने होंगे। लेकिन, एमपी में तमाम ऐसे मामले सामने आ रहे, जिनमें सात साल से कम धारा के मामलों में किसी की गिरफ्तारी की गई, तो किसी को नोटिस दिया गया।सालभर पहले क्राइम ब्रांच ने एक ही अपराध में व्हिसल ब्लोअर आनंद राय और केके मिश्रा के खिलाफ केस दर्ज किया था। दोनों के खिलाफ सामान्य धाराएं थीं। इस मामले में आनंद राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, वहीं केके मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं की गई थी। उन्हें थाने से नोटिस देकर छोड़ दिया गया था। जबकि, इन्हीं धाराओं में आनंद राय को थाने से जमानत नहीं दी गई।

Kolar News 26 March 2023

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