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कोलार -केरवा -कलियासोत के जंगल से बाघ एक बार फिर आ गए हैं। इन बाघों की संख्या चार बताई जा रही है। पिछले साल भी इस सीजन में जंगल से बाघ शहर की तरफ आ गए थे। केरवा में टी-21- के नर बाघ शावक के अलावा बाघ टी-1 और बाघिन टी-21 की मादा शावक का भी मूवमेंट है। वहीं, समसगढ़ में दूसरे नर बाघ शावक का मूवमेंट है। 10 किमी के दायरे में चार बाघों के मूवमेंट के चलते भोपाल वन मंडल ने एक बार फिर हाथियों को बुलाने का निर्णय लिया है। वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने भी इस निर्णय को उचित बताया है।
शहर के नजदीक घूम रहे बाघ ने मिंडोरा के नजदीक एक भैंस पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि भैंस बच गई क्योंकि बाघ और भैंस के बीच 12 फीट ऊंची जाली थी। वहीं अन्य बाघ ने एक बछड़े का शिकार किया है।
भोपाल वन मंडल के कंजरवेटर एसपी तिवारी ने बताया कि बाघों के लगातार मूवमेंट को देखते हुए हाथी बुलाए जाएंगे ताकि उन पर सतत निगरानी रखी जा सकती है। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में भी नवंबर में सतपुड़ा शिफ्ट किए गए बाघिन टी-2 के शावक ने विभाग की नींद उड़ाई थी।
ग्रामीणों का कहना है कि एक साथ कई बाघों के मूवमेंट से दहशत का माहौल है। ग्रामीण समझ नहीं पा रहे कि थोड़ी देर पहले एक बाघ को केरवा पर देखा और वहां से थोड़ी दूर चलने पर दूसरा बाघ दिखाई दे रहा है। इससे समझ में नहीं आ रहा कि मिंडोरा, चंदनपुरा सहित अन्य इलाके में कितने बाघ घूम रहे हैं।
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