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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरल, सहज, सहयोगी स्वभाव के धनी और जन-जन के नेता स्व. अमर सिंह कोठार ने सारंगपुर क्षेत्र के विकास तथा जनसेवा में उल्लेखनीय कार्य किया। पाँच बार विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होना, जनता का उनके प्रति विश्वास का प्रतीक था। उनके कुशल नेतृत्व और दूरदृष्टि के परिणामस्वरूप ही सारंगपुर क्षेत्र का चहुँमुखी विकास हो पाया। मुख्यमंत्री चौहान पूर्व विधायक स्व. अमर सिंह कोठार की प्रतिमा के अनावरण तथा पार्क के लोकार्पण कार्यक्रम को निवास कार्यालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने स्व. कोठार की प्रतिमा का वर्चुअली अनावरण किया। सारंगपुर में कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री एवं राजगढ़ के प्रभारी डॉ. मोहन यादव, विधायक कुंवर जी कोठार, पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा, हजारीलाल दांगी सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्व. कोठार द्वारा क्षेत्र में गठित की गई बुनकर समितियाँ और 100 बिस्तरीय अस्पताल का निर्माण उन्हें स्थानीय लोगों की स्मृतियों में अमिट रूप से स्थापित रखेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने नगरपालिका सारंगपुर द्वारा पार्क का नामकरण स्व. अमर सिंह कोठार के नाम पर करने की सराहना की।
प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि प्रदेश की विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति-2022 के क्रियान्वयन से वैज्ञानिक शोध और नवाचार को गति तथा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है। हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं। केन्द्रीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव वैज्ञानिक सोच, वैज्ञानिक व्यवहार और वैज्ञानिक जीवन जीने के तरीकों का उत्सव है। विज्ञान की अपनी निरंतरता है। प्रधानमंत्री मोदी के वर्ष 2070 तक कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सबको प्रयास करने होंगे। ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी कंडक्टर और क्वांटम टेक्नालॉजी भविष्य के क्षेत्र हैं। प्रो. सूद ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जिम्मेदारी पूर्ण उपयोग के लिए भी सतर्क किया।
विज्ञान भारती के महासचिव प्रो. सुधीर भदौरिया ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि विज्ञान देश के जन-जन में समाहित हो और देश को नई दृष्टि मिले। भारत की एक निश्चित विज्ञान परंपरा रही है। योग, आयुर्वेद से लेकर आर्किटेक्चर और एस्ट्रोनॉमी तक में हमें निरंतरता मिलती है। प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प के अनुरूप देश वैज्ञानिक उपलब्धियों की दिशा में अग्रसर हो रहा है। समृद्ध भारत के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार में रचनात्मकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और राज्य शासन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग नोडल एजेंसी तथा स्थानीय स्तर पर मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और विज्ञान भारती संस्था महोत्सव के आयोजक हैं। आज से शुरू हुआ 4 दिवसीय महोत्सव 24 जनवरी तक चलेगा। इसमें 15 क्षेत्रों में गतिविधियाँ होंगी, जिनमें विद्यार्थी, युवा वैज्ञानिक, स्टार्टअप से जुड़ी गतिविधियाँ प्रमुख हैं।
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