न सेवा का पता, न काम की गारंटी का
प्रदेश सरकार द्वारा लोक सेवा गारंटी अधिनियम को अमली जामा पहनाने के मकसद से स्थापित किए गए लोक सेवा केंद्रों में तय समय पर आवेदकों को न तो सुविधाएं मिल पा रही हैं और न ही चाहे गए दस्तावेज। आलम ये है कि ऐसे आवेदकों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है जिन्हे तय समय के भीतर लोक सेवा गारंटी कानून का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि लोक सेवा केंद्र के कर्मचारी और अधिकारी इसके लिए संबंधित विभागों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।लोक सेवा केंद्रों में आने वाले आवेदकों मे से आधे से ज्यादा जाति और मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोक सेवा केंद्रों का रूख करते हैं। राज्य सरकार के नियम के तहत जाति प्रमाण पत्र एक माह और मूल निवासी प्रमाण पत्र ,सात दिनों के भीतर बनाकर आवेदक को दिए जाने चाहिए, लेकिन भोपाल में ऐसे कई प्रकरण सामने आ रहे हैं जहां डेढ़ माह बीतने के बाद भी आवेदकों को जाति और निवास प्रमाण पत्र नहीं मिल सके हैं। इसके अलावा खसरा खतौनी की नकल भी पांच दिनों के भीतर दी जानी चाहिए लेकिन इसके लिए भी आवेदकों को दस दिनों के बाद मांगे गए कागज मुहैया कराए जा रहे हैं। करौंद निवासी रूबीना बेगम ने तो विगत 28 फरवरी को निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था लेकिन 12 दिन बीतने के बाद भी उनका निवास प्रमाण पत्र नहीं बन पाया है, वहीं बड़वई निवासी राजेंद्र अहिरवार को जाति प्रमाण पत्र डेढ़ माह के बाद भी नहीं मिल सका है। राजेंद्र ने जाति प्रमाण पत्र के लिए विगत 27 जनवरी को आवेदन किया था। यही समस्या लोक सेवा केंद्र में आने वाले अधिकांश आवेदकों ने बताई।