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कोलार उपनगर से लगे झिरी, कोलार और कलियासोत डेम की बात ही कुछ और है। यहां आपको पानी का किनारा और जंगलों की खूबसूरती देखने को जरूर मिलेगी।
शहर की दौड़-भाग से दूर खूबसूरत वादियों के बीच इन पर्यटन स्थलों पर घंटों बिताए जा सकते हैं। अभी सैलानी यहां आते हैं, लेकिन उनकी संख्या काफी कम है। इसके चलते पर्यटन विभाग ने उक्त स्थलों पर सैलानियों के लिए सुविधाएं और सुरक्षा के मद्देनजर कोलार को पर्यटन हब बनने का निर्णय लिया है। हम आपको उक्त पर्यटन स्थालों से रूबरू करवाते हैं। जहां के दिन जल्द ही फिरने वाले हैं। इसको विकसित करने की कार्य योजना तैयार की गई है।
उद्गम स्थल झिरी
विंध्याचल की पर्वतमाला के मध्य स्थित है बेतवा नदी का उद्गम स्थल झिरी। रातापानी अभ्यारण्य के अंतर्गत आने वाले इस स्थल पर प्राकृतिक रूप से पानी की एक झिर निकली हुई है। इस झिर से कई सौ वर्षों से पानी निकल रहा है। यह पानी भोपाल, रायसेन और विदिशा जिले से होता हुआ आगे बढ़ता है। इसके दर्शन के करने व पिकनिक मनाने के लिए सैकड़ों लोग यहां अाते हैं।
कोलार के सर्वधर्म पुल से करीब 19 किलोमीटर दूर स्थित है झिरी। झिरी के आसपास कई शैलाश्रय बने हुए हैं, जिनमें आदि मानव निवास करते थे। यहां हुए पुरातत्व सर्वेक्षण में करीब 15 लाख साल प्राचीन पत्थर के औजार भी मिले हैं। ताम्र संस्कृति के अवशेष भी पाए गए हैं।
जंगलों से घिरा है कोलार डेम
कोलार सर्वधर्म से करीब 21 किमी दूर कोलार डेम है। यह जगह सर्दियों में पर्यटकों को खूब लुभाती है। परिजनों या दोस्तों के साथ यहां पिकनिक मनाने वालों की भीड़ होती है। कोलार डेम की खासियत यह है कि डेम के बीचोंबीच दो खूबसूरत टापू हैं। गर्मियों के दिनों में जलस्तर कम होने पर यहां पहुंचना संभव होता है, लेकिन बाकी दिनों में टापू तक नहीं पहुंचा जा सकता। डेम के किनारे जंगल से ढंके हैं। आसपास के जंगलों में बाघ, हिरन, तेंदुए आदि भी देखे गए हैं, इसलिए ये जगह और भी ज्यादा नेचुरल हो गई है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
डैम के बीच में शिव मंदिर
चूना भट्टी स्थित कलियासोत डेम सैलानियों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र रहा है। पानी के बीचों बीच टापू पर शिव मंदिर बना हुआ है। जब डेम का पानी कम हो जाता है तब लोग टापू के बीच शिव मंदिर पर जाते हैं। डेम के चारों ओर पहाड़ लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। शहर में स्थित होने के कारण यहां सातों दिन लोगों की आवाजाही बनी रहती है। वर्तमान में बाघ के सक्रिय होने के कारण उक्त क्षेत्र में आम लोगों की आवाजाही कम हो गई है। यहां से सनसेट का नजारा बेहद खूबसूरत नजर आता है। इसे देखने के लिए ही लाेग शाम के समय अक्सर आते हैं। कई लोग इस मनमोहक नजारे की सीनरी बनाकर अपने घरों की दीवार सजाते हैं।
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