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आठों आतंकी बेहद खतरनाक थे
आठों आतंकी

भोपाल जेल से फरार हुए जिन आठों आतंकियों को एनकाउंटर में मारा गया उन पर बम ब्लास्ट, बम बनाने, बैंक डकैती, मर्डर और युवाओं को जेहादी बनाने के आरोप थे।ये आठों खतरनाक थे। अगर ये भागने में सफल हो जाते तो कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देते। 

1 :- अब्दुल मजीद

मजीद उज्जैन के महिदपुर का एक इलेक्ट्रीशियन था। वह रॉड बम बनाने में माहिर था।

- बाद में वह सिमी की स्लीपर सेल का मेंबर बन गया। कई तरह के बम को तैयार करने और उनकी सप्लाई में शामिल हो गया।

- 2014 में उसे गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में पुलिस को विस्फोटक से भरे पांच ड्रम और जिलेटिन की रॉड मिली थीं।

- 2013 में महाराष्ट्र के सोलापुर से बम बरामद हुए थे। जांच में पता चला कि इन्हें मजीद ने ही तैयार किया था।

 

2:- मेहबूब गुड्डू

- खंडवा का रहने वाला था। अबू फैजल का करीबी था। अबू खुद को मध्य प्रदेश सिमी का चीफ बताता था।

- गुड्डू 2009 के एक ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी था। उसने स्टेट एटीएस के कॉन्स्टेबल सीताराम यादव, एक बैंक मैनेजर और एक वकील का कत्ल किया था।

- वह 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट का भी आरोपी था। उस पर 2011 में रतलाम में एक एटीएस कॉन्स्टेबल के मर्डर में शामिल होने का भी आरोप था।

- खंडवा जेल से फरार होने के बाद गुड्डू एक आईईडी बनाते समय झुलस गया था।

- गुड्डू को उसकी मां नजमा बी और तीन दूसरे साथियों के साथ फरवरी 2016 में उड़ीसा के राउरकेला से गिरफ्तार किया गया था।

 

3:- जाकिर हुसैन

- जाकिर हुसैन उर्फ विक्की डॉन उर्फ विनय कुमार खंडवा में सैल्स टैक्स कॉलोनी के पास झुग्गीबस्ती का रहने वाला था।

- सिमी के कॉन्टेक्ट में होने की वजह से पहली बार उसे 2008 में पकड़ा गया। उस पर 2008 से 2011 के बीच देवास, इटारसी और कटनी में बैंक डकैती का आरोप था।

- 2010 में भोपाल की मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस कंपनी में हुई डकैती में भी वह शामिल था। इस कंपनी से 12 किलो सोना लूटा गया था।

- मध्य प्रदेश एटीएस ने उसे सिमी के कुछ और मेंबर्स के साथ 2011 में गिरफ्तार किया था। यह सिमी के उन आतंकियों में शामिल था, जो खंडवा जेल से 2013 में फरार हुए थे।

- हुसैन पर 2014 में तेलंगाना में एसबीआई की करीमनगर ब्रांच से 46 लाख रुपए लूटने का भी आरोप था। उसे भी राउरकेला से ही पकड़ा गया था।

 

4:- अमजद खान

- अमजद खान उर्फ पप्पू उर्फ उमर चीरा खदान खंडवा का रहने वाला था। अमजद और शेख मेहबूब पर बीजेपी के काउंसलर प्रमोद तिवारी पर जानलेवा हमला करने का आरोप था।

- 27 साल के अमजद को मणप्पुरम फाइनेंस में हुई लूट के मामले में जून 2011 में गिरफ्तार किया गया था।

- अमजद 2008 से 2011 के बीच मध्य प्रदेश में हुईं कुछ बैंक डकैतियों में भी शामिल था। खंडवा जेल से फरार हुए सात आतंकियों में अमजद भी शामिल था।

- उसे भी राउरकेला से गिरफ्तार किया गया था।

 

5:- मोहम्मद अकील खिलजी

- खंडवा का रहने वाला था। 2012 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया था।

- 2011 में खिलजी के घर से सिमी के 10 आतंकी पकड़े गए थे। आरोप है कि वे बीजेपी और आरएसएस के नामी नेताओं के कत्ल का प्लान बना रहे थे।

- खिलजी पर खंडवा में सिमी का बेस बनाने का आरोप था।

 

6:- मोहम्मद खालिद अहमद

- खालिद महाराष्ट्र के सोलापुर जिले का रहने वाला था। दिसंबर 2013 में उसे अबू फैजल के साथ मध्य प्रदेश में बड़वानी जिले के सेंधवा से गिरफ्तार किया गया था। अबू फैजल खंडवा जेल से फरार आतंकियों का मुखिया था।

- मध्य प्रदेश एटीएस की पूछताछ में खालिद ने कबूल किया था कि उसने उस समय के केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और उनकी बेटी के कत्ल का प्लान बनाया था।

 

7:- मोहम्मद सालिक

- सालिक का एक भाई पहले पुलिस कॉन्स्टेबल था। सालिक खंडवा के गुलशन नगर का रहने वाला था और सिमी का कट्टर आतंकी था।

- 2011 में पुलिस ने खंडवा की गुलमोहर कॉलोनी के एक मकान पर छापा मारा तब सालिक फरार हो गया था।

- 2013 में जब सिमी आतंकी खंडवा जेल से फरार हुए तो दाे साल छुपे रहने के बाद सालिक उनके साथ हो लिया।

- सालिक को भी राउरकेला से फरवरी में गिरफ्तार किया गया था।

 

8:- मुजीब शेख

- मुजीब शेख आतंकी गुट इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से भी जुड़ा था।

- उसे सिमी और आईएम के सात आतंकियों के साथ जून 2011 में जबलपुर से गिरफ्तार किया गया था।

- बाद में पता चला कि वह 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट करने वालों में मुजीब शामिल था।

- उसने सूरत में बम लगाए थे और जिहादी एक्टिविटीज के लिए युवाओं को ट्रेनिंग दी थी।

सिमी बन गया था इंडियन मुजाहिदीन

- इंडियन मुजाहिदीन को सिमी और पाकिस्तानी टेरेरिस्ट ग्रुप लश्कर का मुखौटा माना जाता है।

- कहा जाता है कि सिमी पर बैन लगने के बाद इसके मेंबर्स ने इंडियन मुजाहिदीन नाम से नया गुट बना लिया था।

- इन्वेस्टिगेटर्स मानते हैं कि आईएम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर चलता है। अब यह सिमी से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है।

- जून 2010 में भारत ने आईएम पर बैन लगा दिया। अक्टूबर 2010 में न्यूजीलैंड ने आईएम को टेरेरिस्ट ग्रुप डिक्लियर किया। 2011 में अमेरिका ने उसे फॉरेन टेरेरिस्ट ग्रुप की लिस्ट में शामिल किया।

 

 

 

 

Kolar News 2 November 2016

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