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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के भेल मैदान में 14 हज़ार शिक्षकों की ट्रेनिंग समारोह आयोजन किया गया। यह समारोह रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा की आप सब हमारे भांजे-भांजियों के गुरु हैं। शिक्षक नौकर नहीं, निर्माता है। आप बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले गुरु हैं। आप जैसे बच्चों को गढ़ेंगे वैसे बच्चे अपना भविष्य गढ़ेंगे। उन्होंने कहा आपका जो काम है, वो काम नौकरी का नहीं हैं। आप भूल जाओ कि आप नौकरी करने वाले शासकीय सेवक हैं। आप बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले हैं। ये दायित्व बहुत बड़ा है। हमारी जिम्मेदारी है कि खुद को इसके अनुरुप गढ़ लें। अंतरात्मा में एक निश्चय कर लो मैं गुरु हूं और मुझे भविष्य के भारत के लिए बच्चों को तैयार करना है। मुख्यमंत्री शिवराज ने टीचरों से कहा कि प्रदेश में पहली बार मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी। बच्चों को योग की शिक्षा देकर उन्हें निरोगी बनाने की पहल की जाएगी। बच्चों के परिजनों से संवाद का एक सिस्टम भी तैयार किया जाना चाहिए। सीएम के संबोधन के बाद तीन शिक्षाविदों ने भी भाषण के जरिए शिक्षकों को शैक्षणिक पहलुओं से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी । समारोह के पहले सत्र में एमएड गोल्ड मेडलिस्ट और विदेशी भाषा संस्थान से ट्रेंड शिक्षाविद् टीजी नियोगी शिक्षकों को अलग -अलग विषयों से जुड़ी जानकारी साझा की ।
इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन सौ फीसदी हमारे शिक्षक समुदाय पर है। समाज में नीचे तक इस नीति को उतारने का काम शिक्षकों के जिम्मे है। शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। शिक्षक केवल रोजगार के लिए नहीं, बल्कि व्यक्ति और समाज के निर्माण के लिए हैं। इसलिए शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहा गया है। हम चंद्रगुप्त मौर्य का उदाहरण देते हैं, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। भारत की संस्कृति के बारे में जब हम विचार करते हैं तो सर्वश्रेष्ठ हमारा शिक्षक होता है। हमारे शिक्षक ऐसी पीढ़ी बनाने वाले हैं, जो दुनिया के सामने भारत को खड़ा कर सके। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने स्कूल की कहानी भी लोगों से साझा की।
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