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नारियल के खोल में डेंगू का लार्वा
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भोपाल के कई इलाके  डेंगू की चपेट में हैं। अरेरा कॉलोनी, कोलार ,साकेत नगर, 74 बंगले को मिलाकर यहां 50 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। वजह, भी खास है। यहां कच्चे नारियल के खोल और कमल के पानी में डेंगू का लार्वा मिल रहा है। यही वजह है बार-बार लार्वा नष्ट करने के बाद भी डेंगू का संक्रमण कम नहीं हो रहा है। 

सरकारी टीमों की रिपोर्ट बताती है कि अरेरा ,कोलार और साकेत नगर में सबसे ज्यादा डेंगू का लार्वा नारियल के खोल में भरे पानी में पनप रहा है। इस इलाके में नारियल पानी पीने  के बाद लोग उसे यहाँ वहां फैंक देते हैं और उसमे पानी भरने से उसमे डेंगू के लार्वा पैदा हो रहे हैं। 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज ई-7 अरेरा कॉलोनी में मिले हैं। यहां लाला लाजपतराय सोसायटी में बामुश्किल 50 मकान होंगे, लेकिन डेंगू के 7 मरीज मिल चुके हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह लॉन में गमले, नारियल पानी पीने के बाद फेंके गए खोल, कमल उगाने के लिए भरे पानी में लार्वा मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपील की है कि इस दशहरे में रावण दहन के साथ अपने कूलरों की खस भी जला दें।

भोपाल की डिस्ट्रिक एपडिमोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि जैन ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में कूलर की खस में डेंगू के मच्छर एडीज के अंडे रहते हैं। मार्च में जैसे ही लोग कूलर स्टार्ट करते हैं, पानी मिलने पर अंडे जीवित हो जाते हैं। इनमें डेंगू का वायरस होने की आशंका ज्यादा रहती है। यहीं से डेंगू की शुरुआत होती है। बर्तनों में लार्वा मिलने पर इन्हें नष्ट कर दिया जाता है, लेकिन खस जलाने के लिए लोग तैयार नहीं होते। 200 रुपए बचाने के फेर में डेंगू का खतरा मोल लेते हैं।

इस साल कई स्कूल-कॉलेज डेंगू की चपेट में हैं। लेकिन इनका प्रबंधन लार्वा मारने की कार्रवाई नहीं कर रहा है। मलेरिया विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पटेल कॉलेज, टीआईटी कॉलेज, सेंट जोसेफ कोएड स्कूल, मैनिट परिसर, एम्स में डेंगू चिकनगुनिया के मरीज मिले हैं। लेकिन इन स्कूल-कॉलेजों का प्रबंधन डेंगू का लार्वा नष्ट करने की कार्रवाई नहीं कर रहा है।

सबसे पहले ई-7 अरेरा कॉलोनी में डेंगू के मरीज मिले थे। लेकिन, लार्वा नष्ट करने का काम सही तरीके से नहीं किया गया। इससे इस कॉलोनी में 10 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। इसी तरह से सोनागिरी भी छोटा एरिया है, लेकिन डेंगू का लार्वा मारने का काम ठीक से नहीं होने से यहां भी लगातार डेंगू के मरीज मिल रहे हैं।

 

Kolar News 12 October 2016

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