Video

Advertisement


अब साइबर योद्धा संभालेंगे मैदान जाने दलों की जीतने की अपनी अपनी रणनीति
अब साइबर योद्धा संभालेंगे मैदान जाने दलों की जीतने की अपनी अपनी रणनीति

नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का प्रचार सोमवार शाम को थम गया। जीत के लिए दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। राजनीति के सूरमा मैदान में डटे हैं तो दोनों पार्टियों के साइबर सियासी योद्धा दफ्तरों से चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। वोट के लिए बूथ तक सियासी जंग जारी है।प्रदेश के कोने-कोने तक सोशल मीडिया के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटे दोनों दलों ने बेस कैंप भोपाल में बनाए हैं। ये टीमें प्रदेशभर पर नजर रखती हैं। जिलों की टीम से समन्वय बनाती हैं। सोशल मीडिया टीमों में ग्राफिक्स डिजाइनर, वीडियो एडिटर, कॉपी एडिटर से लेकर वॉइस आर्टिस्ट तक शामिल हैं। इसके अलावा बड़े नेताओं की खुद भी सोशल मीडिया टीमें हैं, जो पोस्टर, वीडियो आदि ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर पोस्ट करती हैं।इधर, 49 जिलों के 133 निकायों में प्रचार थमने के बाद अब पूरा जोर बूथ मैनेजमेंट का है। भाजपा ने इन निकायों में बूथ कमेटियों को एक्टिव कर दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने चुनाव प्रभारियों को वोटिंग के हिसाब से कदम उठाने और डोर-टू-डोर संपर्क पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। उधर, कांग्रेस में पूरी कमान कमलनाथ स्वयं संभाले हुए हैं। नेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी दी गई है।
विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 के पहले स्थानीय सरकार के चुनाव भाजपा की बूथ विस्तार योजना की अग्निपरीक्षा हैं। प्रदेश भाजपा ने इस योजना में देश के बड़े राज्यों में डिजिटल बूथ नेटवर्क वाला पहला राज्य बनने का तमगा हासिल किया है, लेकिन अब यही नेटवर्क कसौटी पर है। भाजपा ने नगर सरकार के चुनाव में इस बूथ नेटवर्क पर भरोसा करके 80% से ज्यादा टिकट नए चेहरों को दिए हैं।प्रदेश भाजपा ने पहली बार बूथ विस्तार के तहत इस प्रकार का नेटवर्क तैयार किया है। एक लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं के साथ कभी भी एक साथ वर्चुअल संवाद की क्षमता हासिल की गई है। अब पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस उन बूथों पर हैं, जहां पिछली बार पार्टी को वोट कम मिले थे। इसलिए इन बूथों की टीम को ज्यादा अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। हर बूथ की रिपोर्ट लेने के लिए टीमें तैनात की गई हैं। 65 हजार बूथ पर नेटवर्क बनाया। 10 युवा हर बूथ पर नए जोड़े। 64 हजार बूथ डिजिटल किए। 10 दिन 10-10 घंटे यानी 10 घंटे हर नेता ने बूथ पर दिए। 12.75 लाख कार्यकर्ता संगठन ऐप से जुड़े। निकायों में कब्जा करने के लिए कांग्रेस ने रणनीति के साथ काम किया है। इसके तहत पार्टी ने राज्य में बूथ स्तर पर फोकस किया है। एक बूथ पर पांच-पांच यूथ यानी युवा तैनात किए हैं। मतदाता सूची के एक-एक पन्ना के हिसाब से कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। पार्टी का प्रयास यही है कि मतदाताओं को हर हाल में बूथ तक लाया जा सके। वरिष्ठ नेताओं को उन्हीं के क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है।

Kolar News 5 July 2022

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.