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खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज में होगा ब्रेन स्ट्रोक का इलाज
खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज

 

कलियासोत डेम के पास बने खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज में अब  ब्रेन स्ट्रोक का  इलाज भी किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने बताया कि आरामतलफ लाइफ स्टाइल के चलते ब्रेन स्ट्रोक के मरीज बढ़ रहे हैं। स्ट्रोक की वजह से मरीज के किसी अंग में अपंगता आ सकती है या उसकी मौत भी हो सकती है। आयुर्वेद में इसका कारगर इलाज है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अधिकारियों से चर्चा के बाद उन्होंने स्ट्रोक क्लीनिक खोलने की सहमति दे दी है। मंजूरी मिलने में एक-दो महीने का समय लग जाएगा। इसके बाद सेटअप बनाने में करीब तीन महीने लगेंगे। इस तरह मार्च 2017 तक क्लीनिक शुरू करने की तैयारी है।

अस्पताल पहुंचने पर स्ट्रोक के मरीजों की फौरन जांच हो सके, इसके लिए सीटी स्कैन मशीन खरीदी जाएगी। इसके अलावा कुछ एडवांस पैथोलॉजी टेस्ट किए जाएंगे। सीटी स्कैन के लिए रेडियोलॉजिस्ट कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाएंगे। जरूरत पर फोन कर डॉक्टर को बुलाया जा सकेगा।

सीटी स्कैन की रिपोर्ट के आधार पर मरीज का इलाज शुरू किया जाएगा। क्लॉटिंग होने पर थक्का घोलने की दवाएं दी जाएंगी। इसके अलावा सर्जरी की जरूरत हुई तो न्यूरो सर्जन को बुलाया जाएगा। इसके लिए न्यूरोसर्जन कॉन्ट्रैक्ट पर ऑन कॉल रखे जाएंगे। आयुर्वेद कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि स्ट्रोक में सबसे ज्यादा कारगर पंचकर्म है। अभी भी स्ट्रोक के 50-60 मरीजों का हर दिन पंचकर्म किया जा रहा है। स्ट्रोक क्लीनिक शुरू होने पर पंचकर्म की सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा।

हमीदिया अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आरएस यादव ने बताया कि तेज ठंड में स्ट्रोक के मरीज तीन गुना बढ़ जाते हैं। दिसंबर-जनवरी में हमीदिया में हर दिन 4-5 मरीज गंभीर हालत में आते हैं। उन्होंने बताया कि पंचकर्म से स्ट्रोक से होने वाले लकवा में काफी फायदा मिलता है।

 

Kolar News 28 September 2016

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