Video

Advertisement


रातापानी में बाघों के बचाने की कवायद
रातापानी में बाघों के बचाने की कवायद

अभ्यारण्य के लिए वन विभाग की नई प्लानिंग

राजधानी के पास केरवा, कोलार ,रातापानी और कलियासोत के जंगलों में घूमने वाले बाघों की सुरक्षित बसाहट को बनाने के लिए वन विभाग ने रातापानी में अभ्यारण्य बनाने की योजना बनायी है ताकि इनके रेगुलर वॉचिग से बचा जा सके और उस एरिया को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा सके। 

यही नहीं जंगलों में होने वाले निर्माण कार्यों पर इससे रोका लगेगी। वन विभाग ने यह प्रस्ताव शासन को स्वीकृति के लिए भेज दिया है। इस समय रातापानी में 59 बाघ, 100 तेंदुए और 150 से ज्यादा भालू हैं, जिनको शिकारियों से बचाना बेहद जरूरी है।

वन्यप्राणी डिवीजन में बाघ सहित अन्य जानवरों की सुरक्षा के लिए घास के जंगल विकसित होंगे। पानी और सुरक्षा का प्रबंध किया जाएगा। स्टाफ को वन्यप्राणियों की देखरेख के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। गश्ती दल और वाहन बढ़ाए जाएंगे। वन्यप्राणियों को लेकर आसपास के लोगों को जागरुक किया जाएगा। डिवीजन की जिम्मेदारी ऐसे अफसर को सौंपी जाएगी, जो वन्यप्राणी प्रबंधन में दक्ष होंगे और इनकी रेग्युलर वॉचिंग की जाएगी।

Kolar News 21 September 2016

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.