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बाघों को बचाने के लिए नई रणनीति
केरवा और कलियासोत के जंगलों में घूमने वाले बाघों को शिकारियों से बचाने के लिए वन विभाग ने नई रणनीति बनाई है। इसके चलते जंगलों में गश्त करने वाले वनरक्षक अपने साथ अलार्म लेकर चलेंगे ताकि अलार्म की आवाज से आसपास के वनरक्षक भी उस स्पॉट पर पहुंच जाएंगे जहां पर शिकारियों का मूवमेंट होगा।
इसके अलावा मोबाइल अलर्ट भी चालू किया गया है, जिसके चलते मोबाइल पर ही इसका संदेश तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच जाएगा। इस समय भोपाल के पास के जंगलों में एक दर्जन से अधिक बाघ, बाघिन उसके शावक, भालू और अन्य ऐसे वन्य प्राणियों का मूवमेंट है, जिनको शिकारी अपना शिकार बना सकते हैं। विभाग को आशंका है कि सर्दियों की हल्की दस्तक के साथ ही शिकारियों की कारगुजारियों बढ़ सकती हैं। इन पर लगाम लगाने के लिए वन विभाग की टीम जंगलों में डेरा भी डालेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों बाघ के घायल मिलने की खबर के बाद वनरक्षकों का दस्ता सक्रिय हुआ था। बैरसिया के जंगलों में उड़नदस्ते ने मोर और खरगोश के शिकारियों को पकड़ा था।
विभाग को पारदियों द्वारा बाघों की हत्या की सुपारी लेने की सूचना मिली थी। वन विभाग प्रधिकरण ने गत दिनों सभी राष्ट्रीय उद्यानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे। हाल ही में राजधानी में हिरण व मोर के अवशेष मिले थे। शिकारियों को पकड़ने के लिए एक अलग टीम भी मूवमेंट में लग गयी है।
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