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सेशन शुरू, कोलार में नहीं बन पाया सरकारी कॉलेज
kolaar collej

सात महीने में कॉलेज की एक मंजिल भी नहीं बन पाई

कोलार के विद्यार्थियों को इस शैक्षणिक सत्र में भी बेनजीर कॉलेज में पढ़ने का अवसर नहीं मिल पाया। लिहाजा इस शिक्षा सत्र में भी कोलार क्षेत्र के स्टुडेंट्स को शहर के अन्य कॉलेज में जाकर प्रवेश लेना पड़ा। इस कॉलेज के भवन निर्माण के लिए जनवरी में भूमिपूजन किया गया था। तब से लेकर अब तक सात महीने गुजर चुके हैं, लेकिन भवन की एक मंजिल भी पूरी तैयार नहीं हो सकी है। जबकि इस भवन के कुछ हिस्से को तैयार करके शुरू किए जाने की बात राजधानी परियोजना प्रशासन के आला अधिकारियों ने की थी।

वहीं पिछले महीने शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने निर्माण कार्य का जायजा लिया था। इसके बावजूद सीपीए अधिकारियों और निर्माणकर्ता एजेंसी ने मंत्री के निर्देशों पर अमल नहीं किया। निर्माण कार्य की धीमी गति को देखकर नहीं लगता कि यह प्रोजेक्ट समय सीमा में पूरा हो पाएगा।

 

निर्माणकर्ता एजेंसी जीडी कंस्ट्रक्शन एंड संस ने फरवरी से मई तक फुटिंग वर्क पूरा किया है। वर्तमान में बीम डालने का काम पूरा हो चुका है। हाल ही में कुछ हिस्सों की छत डाली गई है। इसके बाद पहले फ्लोर के लिए दीवार का काम शुरू होगा। इसके अलावा सड़क निर्माण होना है। प्रोजेक्ट पर काम एक शिफ्ट में चल रहा है। जिस वजह से काम की काफी धीमी रफ्तार है। वहीं दूसरी तरफ बारिश के कारण काम काफी प्रभावित हो रहा है।

 

क्षेत्र के छात्रों को दूर के कॉलेजों में लेना पड़ा प्रवेश :कोलार के कई छात्र ऐसे होंगे जिन्होंने इस शैक्षणिक सत्र में शहर के अन्य कॉलेज में प्रवेश लिया है।प्रोफेसर कॉलोनी स्थित बेनजीर कॉलेज की प्रिसिंपल विभा शुक्ला ने बताया कि कोलार के 17 छात्रों ने बेनजीर कॉलेज में एडमिशन लिया है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बड़ी संख्या में कोलार क्षेत्र के विद्यािर्थयों ने शहर के अन्य कॉलेज में एडमिशन लिया होगा।

 

कोलार में सरकारी कॉलेज का प्रस्ताव नपा ने सन् 2006 में पारित हुआ। कॉलेज के लिए अाठ साल बाद सन् 2014 में राजहर्ष में जमीन का आवंटन किया गया। सन् 2016 जनरवरी को कॉलेज के भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ। प्रस्ताव के पारित होने से लेकर भूमिपूजन तक 11 साल का समय गुजर गया। वर्कओडर जारी होने के 1 महीने बाद प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ।  सीपीए को भवन का फर्स्ट फ्लोर का काम 6 महीने में पूरा करना था। जो नहीं किया गया।  18 महीने में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की डेडलाइन तय की गई है। कॉलेज का निर्माण 7 करोड़ 50 लाख रुपए से किया जाना है। भवन का निर्माण जी प्लेस तीन किया जाना है।

Kolar News 2 September 2016

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