अब ई रजिस्ट्री
भोपाल में ई-पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह व्यवस्था बिचौलियों व भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएगी। अभी ईर जस्ट्री के साथ-साथ मैन्युअली रजिस्ट्री भी की जाएगी, लेकिन एक माह बाद जब पूरा डाटा आॅनलाइन व सैटअप पूरी तरह तैयार हो जाएगा तो मैन्युअली रजिस्ट्रियां बंद कर दी जाएंगी। वाणिज्यक कर मंत्री जयंत मलैया ने प्रदेश के सभी जिलों में सम्पत्ति के ई- पंजीयन की परियोजना ह्य सम्पदाह्ण (स्टॉम्प एण्ड मैनेजमेंट आॅफ प्रापर्टी एण्ड डाक्यूमेंट एप्लीकेशन) का शुभारंभ करते हुए इस नई सुविधा की जानकारी दी । इस अवसर पर उन्होंने आईएसबीटी परिसर में ई- पंजीयन कार्यालय व रजिस्ट्री में चस्पा होने वाले लोगो का उद्घाटन व लोकार्पण किया और एक ई-रजिस्ट्री भी मौके पर वितरित की। उन्होंने कहा कि आम लोगों को बेहतर सुविधाएँ देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। इसके लिए शासकीय और प्रशासकीय प्रक्रियाओं में लगातार सुधार किए जा रहे हैं। मप्र पहला राज्य है जहां ई-पंजीयन व्यवस्था लागू हुई है। उन्होंने कहा कि पहले लोगों से राजस्व तो लिया जाता था, लेकिन शासकीय कार्यालयों में उन्हें अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं करवाई जाती थीं। वर्तमान राज्य सरकार इस स्थिति में सुधार कर रही है। प्रदेश में लागू की गई सम्पत्ति की ई-पंजीयन व्यवस्था इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। प्रदेश के 234 उपपंजीयक कार्यालयों को हाईटैक कर दिया गया है, अब 20-20 करोड़ की लागत से चार जिलों भोपाल, इंदौर, जबलपुर व ग्वालियर में जिला ई-पंजीयन कार्यालय का निर्माण करने को भी मंजूरी दे दी गई है। इस अवसर पर वाणिज्यकर पीएस मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव विधि विरेन्दर सिंह, आईजी पंजीयक एवं मुद्रांक दीपाली रस्तोगी, महापौर आलोक शर्मा, विधायक विश्वास सारंग, नगर निगम आयुक्त तेजस्वी एस. नायक, आदि उपस्थित थे।