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कोलार के आठ गेट खोले गए
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कलियासोत डेम के गेट खुले,  दामखेड़ा में रेस्क्यू

 

भोपाल में हो रही बारिश के बाद कोलार डेम के आठ गेट खोले गए।  कलियासोत डेम के  8 गेट भी खुले। पानी मेंटेन करने के लिए देर रात तक डेम के गेट खुलने व बंद होने का सिलसिला चलता रहा। इससे नदी का जलस्तर बढ़ गया और दामखेड़ा ए व बी सेक्टर में नदी किनारे बनीं झुग्गियों में पानी भर गया। हालांकि कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए नगर निगम व जिला प्रशासन ने शनिवार सुबह 4 बजे से ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था।

 

इस दौरान अनाउंसमेंट कराकर लोगों को घरों से निकाला गया। दोपहर 3 बजे तक दल-बल के साथ पहुंचा जिला प्रशासन का अमला दामखेड़ा में मौजूद रहा। रेस्क्यू के दौरान सर्वधर्म पुल के नीचे नदी में फंसी भैंस को एक से डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद बचाया गया। एसडीएम माया अवस्थी का कहना है कि शनिवार को प्रशासन का पूरा अमला दामखेड़ा में मौजूद रहा। यहां कई लोगों को बचाया गया। अब स्थिति सामान्य है। बारिश बाद इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा। वहीं, कोलार फायर ब्रिगेड प्रभारी पंकज खरे ने बताया कि दामखेड़ा में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सर्वधर्म ब्रिज की नीचे पानी फंसी एक भैंस को बचाया गया है।

 

पिछले सप्ताह कलियासोत डेम के 8 गेट खुले थे, तब भी प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 100 से ज्यादा लोगों को बचाया था। शनिवार को रेस्क्यू के दौरान 30 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई। इससे पहले भी वर्ष 2006 और 2013 में भारी बारिश होने पर यहीं रेस्क्यू अभियान चला था, लेकिन तब से लेकर अब तक प्रशासन दामखेड़ा ए व बी सेक्टर की झुग्गियों को नहीं हटा सका।

 

स्थानीय लोगों का कहना है कि कलियासोत डेम के 5 से 6 गेट एक साथ खुलने पर ही कलियासोत नदी में पानी का स्तर बढ़ जाता है। इससे लोगों की जान पर बन आती है। इसके बावजूद भी प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों के लिए स्थाई व्यवस्था नहीं की। लोगों की शिकायत है कि प्रशाासन को क्या 11 गेट खुलने का इंतजार है, जब एक साथ कई झुग्गियां बह जाएंगी।

 

नदी किनारे बनी 150 से ज्यादा झुग्गियां तत्काल हटाई जाएं। 33 मीटर तक लगीं मुनारों की जद में आने वाले सभी अतिक्रमण हटें।झुग्गियों में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए।

 

मप्र में तालाब और 10 नदियां ओवरफ्लो

मध्यप्रदेश में चल रही लगातार बारिश के कारण 16 बड़े तालाब फुलटेंक लेवल से ऊपर आ गए हैं जबकि 10 स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। बाढ़ के हालात में 250 से ज्यादा गांव जलभराव की चपेट में आ चुके हैं जबकि 20 हजार से ज्यादा घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। पिछले 48 घंटों में करीब 25 लोगों की मौत के समाचार हैं। लगातार हुई बारिश से मप्र में अब स्थिति भयावह हो गई थी ,पिछले 12 घंटे में बारिश के कम होने से हालात में मामूली सुधार हुआ है । 

 

प्रमुख जलाशयों  का जल-स्तर (मीटर में)

हलाली - विदिशा               459.61                        459.61

कोलार -सीहोर                  461.73                       462.20

केरवा-भोपाल                   509.96                        509.93

कोलार के 8  गेट खोले गये। 

 

Kolar News 21 August 2016

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