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फसल बीमा की सर्वाधिक क्षतिपूर्ति करने वाला राज्य बना मध्यप्रदेश: कमल पटेल
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैतूल जिले में आज एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हजार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हजार 22 रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान करेंगे। इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन जाएगा।

कृषि मंत्री एवं किसान नेता कमल पटेल ने बताया कि शनिवार को फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान करने के साथ 22 महीनों के कार्यकाल में 95 लाख से अधिक किसानों के खाते में 16 हजार 594 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पहुंच चुकी होगी। कमल पटेल ने कहा मध्य प्रदेश में अगर सरकार नहीं बदली होती तो किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिलता।

उन्होंने कहा कि 15 महीने प्रदेश में कमलनाथ सरकार रही लेकिन किसानों की फसल बीमा को लेकर कोई प्रीमियम जमा नहीं किया गया। इसके साथ ही सौ फीसदी कवर मिलता था उसे भी घटाकर 75 फीसदी कर दिया जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर कमलनाथ सरकार ने यह परिवर्तन नहीं किया होता तो आज किसानों को 16 हजार करोड़ के स्थान पर 18 हजार करोड़ रुपए का बीमा भुगतान मिल गया होता।

 

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आय दोगुनी और खेती किसानी को लाभ का धंधा बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के साथ मुझे कृषि मंत्री बनाया और किसानों के लाभ के लिए प्रभावी कदम उठाए। उन्होंने कहा गत वर्ष अति वर्षा के कारण सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ इसके चलते हमने फसल बीमा की अवधि में विस्तार किया और रविवार अवकाश के बावजूद बैंक खुलवा कर किसानों को फसल बीमा लेने के लिए प्रेरित किया। राज्य सरकार के प्रयासों से जो फसल बीमा 30- 35 लाख किसान ले पाते थे वह इस वर्ष 44 लाख रुपये किसानों को मिल सका।

कृषि मंत्री ने कहा सभी राजस्व ग्राम के अलावा वन ग्रामों को भी फसल बीमा से जोड़ा गया। इसलिए सोयाबीन की क्षतिपूर्ति का इस बार उन्नीस सौ करोड़ रुपये अधिक भुगतान हो रहा है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा किसानों को कमजोर करने का काम किया है । उन्होंने कहा 2014 में जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तब किसानों से चना, सरसों, मसूर की खरीद के लिए प्रति एकड़ 15 क्विंटल की लिमिट तय थी इसके साथ ही एक दिन में 25 क्विंटल के अधिकतम खरीद की लिमिट भी फिक्स थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही इस लिमिट को खत्म किया गया। प्रति एकड़ 20 क्विंटल की उपज को खरीद में लिया।

 

उन्होंने कहा कि किसानों के मामले में कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को किसानों से माफी मांगना चाहिए क्योंकि प्रदेश के किसानों को तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान कांग्रेस सरकार के शासनकाल में हुआ । पटेल ने कहा कि हाल ही में किसानों की फसलों को ओलावृष्टि और पाले से नुकसान हुआ है। इसके लिए उनको घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें भी जल्द मुआवजा सरकार देगी।

Kolar News 12 February 2022

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