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स्वच्छता अभियान के नाम पर केन्द्र से मिल रही राशि पर प्रदेश के सरपंच मौज कर रहे हैं। एक हजार से अधिक ऐसे सरपंचों के नाम सामने आये हैं जिन्होंने 75 करोड़ से अधिक राशि का घोटाला कर दिया। घोटालेबाजों के मामले एसडीएम कोर्ट पहुंच गये हैं। जहां पेशी पर पेशी लग रही हैं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्यसचिव राधेश्याम जुलानिया ने हर जिले का रिकार्ड तलब किया है। एसीएस के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को एक चिट्ठी जारी करते हुए हर पंचायत पर बकाया राशि का हिसाब-किताब मांगा गया है।
स्वच्छता अभियान में कलेक्टर कितने गंभीर हैं, इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने हर जिले का रिकार्ड तलब किया है। विभाग की जानकारी में आई है कि 1200 से अधिक ऐसे सरपंच हैं जिन्होंने शौचालय निर्माण के नाम पर राशि निकाल ली लेकिन शौचालय नहीं बने। भ्रष्टाचार और घपलों के प्रकरण एसडीएम कोर्ट में भेज तो दिये गये पर निराकरण में देरी हो रही है। कलेक्टरों ने भी इस ओर ध्यान देना कम कर दिया है। खबर है कि राज्य शासन एक ऐसी रणनीति बना रहा है जिसमें कलेक्टरों की भूमिका तय की जायेगी। ऐसे कलेक्टरों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कराया जायेगा जो स्वच्छता अभियान के नाम पर सुस्त हैं। भ्रष्टाचार के आरोपी सरपंचों को जेल भेजने में नाकाम हैं।
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