Advertisement
4 बार गलत साबित हुई भारी वर्षा की चेतावनी
भारी बारिश की आशंका के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित करने के मामले में कलेक्टर निशांत वरवड़े का लगातार मजाक बन रहा है। क्योंकि उन्होंने जब-जब छुट्टी की तब-तब बारिश नहीं हुई और धूप निकली। लेकिन, इस किरकिरी के पीछे मूल कारण 10 करोड़ रुपए खर्च कर लगाया गया डॉप्लर राडार है। इसी राडार से मौसम का पूर्वानुमान मिलता है। इसी आधार पर मौसम विभाग में रिपोर्ट बनती है और कलेक्टर छुट्टी घोषित कर देते हैं।
भोपाल कलेक्टर निशांत वरवडे ने पिछले डेढ़ माह में करीब 4 बार भारी बारिश की संभावना के चलते सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित की। सीजन में कई बार ऐसा हुआ कि छुट्टी घोषित की लेकिन उस दिन पानी नहीं बरसा। 6 और 7 अगस्त को बारिश के बाद भारी बारिश की चेतावनी के चलते सोमवार 8 अगस्त को स्कूलों में अवकाश की घोषणा की गई। इसके पहले भारी बारिश की चेतावनी के चलते कलेक्टर निशांत वरवड़े ने मंगलवार 2 अगस्त का अवकाश घोषित किया। वहीं 8 और 9 जुलाई को विद्यालयों में छुट्टी घोषित की गई।
भोपाल के मौसम केन्द्र में दस करोड़ की लागत से राडार लगा हुआ है। मौसम के न्द्र का कहना है कि इस राडार से एवियेशन के लिए फोरकास्ट होता है। भारी बारिश या तूफान की चेतावनी सिर्फ चार घंटे पहले जारी की जाती है। लेकिन मौसम केन्द्र की भारी वर्षा की चेतावनी पर सवाल खड़े होने लगे हैं। 7 अगस्त को केन्द्र ने अगले दिन भोपाल जिले में भारी बारिश की चेतावनी दी थी। उस दिन पूरे जिले में बारिश नहीं हुई। हालांकि मौसम विभाग के अन्य पूर्वानुमान सही निकले।
यह मानसून बे्रक की स्थिति है। लिहाजा भोपाल में कभी धूप खिल रही है तो कभी घने बादल छा रहे हैं। मौसम केन्द्र के अनुसार 13 अगस्त के बाद मानसून फिर सक्रिय होगा। वैसे 24 घंटों में 6.5 मिमी बारिश हो ही गई। डॉ. अनुपम काश्यपी के अनुसार अपर एयर सर्कू लेशन और लो प्रेशर कमजोर पड़ गया है। फिर भी एक डीप डिपे्रशन उत्तर पश्चिम में की और बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से 13 अगस्त के बाद भोपाल में तेज बौछारें पड़ेंगी।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |