पीओपी मूर्तियों पर सरकार से सफाई मांगी
गणेश और दुर्गा उत्सवों में अब पीओपी (प्लास्टर आॅफ पेरिस), सिंथेटिक रंगों और बड़े आकार की मूर्तियां नहीं बन सकेंगी। एनजीटी ने सख्ती दिखाते हुए अपने आदेश में कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीगढ़ सरकारों को मूर्तियों के संबंध में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की गाइडलाइंस को फॉलो करना होगा। एनजीटी ने मंगलवार को मध्यप्रदेश शासन के गृह सचिव को तलब कर इस मामले पर सफाई मांगी। एनजीटी ने सरकारी वकील से कहा कि अब फालतू के बहाने नहीं चलेंगे। विसर्जन में सिर्फ एक महीने का समय बचा है, आप लोगों को अभी से इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा। प्रशासन की तरफ से तर्क दिए गए कि मूर्तियों के लिए अलग से विसर्जन कुंड बनवाए जा चुके हैं, जिस पर एनजीटी ने कहा कि यह सबसे आखिरी का काम है, विसर्जन कुंड तो बनाए ही जाने हैं लेकिन उससे पहले पीओपी और सिंथेटिक कलर्स वाली मूर्तियों का निर्माण ही रोकना है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जहां बड़ी मूर्तियां बन रही हैं, उन्हें नष्ट किया जाए।एनजीटी में यह मामला काफी लंबे समय से चल रहा है और इससे पहले भी एजनजीटी द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली मूर्तियों के निर्माण को रोकने के लिए कहा जा चुका है। जबकि हकीकत यह है कि पीओपी से मूर्तियां बनाने का काम अभी भी चल रहा है और इनका आकार भी पीसीबीसी के मापदंडों से बड़ा है। प्रशासन की सुस्ती के कारण हालात जस के तस हैं। न तो मूर्तियां बनाने वालों को इस बारे में कोई गाइडलाइन बताई गई है और न इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कोई प्रयास किया जा रहा है। इससे संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारियों से लगातार भाग रहे हैं।