भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं हुजूर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा आदर्श एवं बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। हालांकि समय-समय पर उन पर कट्टरवादी होने के आरोप लगते रहे हैं ओर वे इन्हीं आरोपों के कारण एक बार उत्तर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी हार गये, परंतु समय ने करवट बदली और उनकी विकास के पथ वाली कार्यशैली एवं आकर्षक व्यक्तित्व को देखते हुए विगत हुजूर विधानसभा चुनाव में सभी वर्गाें ने भरपूर सहयोग दिया और खुलकर उनके पक्ष में मतदान किया । यही कारण है कि वे पहली बार में ही हुजूर क्षेत्र से 60 हजार वोटों से विजयी रहे। उन्होंने कभी भी अपनी मर्यादा नहीं लांघी, बल्कि मर्यादा में रहकर अन्य नेताओं के लिये वे आदर्श उदाहरण भी साबित हुए।
भोपाल की राजनीति में कार्यकर्ता उन्हें टाईगर की हैसियत देते हैं । किसी एक नेता का पल्लू पकड़कर उन्होंने कभी भी राजनीति नहीं कि बल्कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन की गाईड लाईन पर चलते हुए सदैव भाजपा एवं समाज की मजबूती के लिये तत्पर रहे हैं। कार्यकर्ताओं की एक लम्बी फौज उनके साथ रहती है। चाहे भागवत् कथा हो, तुलसी विवाह हो, कांवड़ यात्रा हो, कवि सम्मेलन हो या फिर भजन संध्या उनके हर कार्यक्रम में भक्तों एवं श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। व्यवस्थित जीवन जीने में उनका कोई सानी नहीं है । विकास के मामले में तो उन्होंने अनेक नेताओं को पछाड़ दिया है। हुजूर क्षेत्र की गलियां हों या ग्रामों की पगडंडिया वे उन्हें भली-भाली जानते हैं। मात्र दो साल में जिस तरीके से उन्होंने विकास के मायनों को बदल दिया है, उससे साबित होता है कि आने वाले समय में वे अपने क्षेत्र में विकास के नये आयाम स्थापित करेंगे ।
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों सहित अपने विधानसभा क्षेत्र में एक साथ 166 करोड़ के विकास करवाए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सहयोग व संगठन के नेताओं के आशीर्वाद से उन्होंने अपने विधायक कार्यकाल के अल्प समय में ही वो कर दिखाया है जो कोई कर्मठ एवं लगनशील व जमीन से जुड़ा कार्यकर्ता ही कर सकता है । हुजूर के ग्रामीण इलाकों, कोलार व संत हिरदाराम नगर में निश्चित ही उन्हें अभी और भी बहुत कुछ करना है पर अभी तक के रिपोर्ट कार्ड में वे अपने क्षेत्र के मतदाताओं व जनता के विश्वास पर खरे उतरे हैं ।
पार्टी एवं कार्यकर्ताओं के लिये सदैव समर्पित होकर कार्य करने वाले रामेश्वर ने कभी किसी की उपेक्षा नहीं की । असीम ऊर्जा से ओतप्रोत होने के साथ ही वे कर्मठ, जुझारू, समर्पित तो हैं ही उनमें नम्रता एवं व्यवहार कुशलता भी हैं। हालांकि वे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को साथ लेकर चलते हैं पर विकास की बात आते ही वे कड़क स्वभाव वाले विधायक हो जाते हैं। सरकारी योजनाओं की बखूबी जानकारी होने के कारण अधिकारी उन्हें गुमराह नहीं कर पाते हैं, यही कारण है कि वे अपने क्षेत्र में विकास के प्लान पर खरे साबित हुए हैं। अपने से बड़ों एवं छोटों का जहां दिल से आदर करते हैं वहीं वे बराबरी वालों के कंधे पर हाथ रखकर उनकी समस्याओं के निदान का प्रयास भी करते हैं । सबसे खास बात उनमें यह है कि वे बुरे समय में अपने कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं ।