कोलार के आसपास बाघ की दहशत
भोपाल के कोलार से लगे बाहरी इलाकों में कलियासोत के जंगलों से लेकर , मंडोरा, वाल्मी, बैरागढ़ चीचली, कोलार क्षेत्र आदि के 40 किलोमीटर के दायरे में इन दिनों बाघों की दशहत फैली हुई है। बाघों को रोकने के लिए विभाग ने जाली लगाने का काम शुरू किया था लेकिन वह धीमी गति से चल रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या विभाग किसी की जान जाने के बाद ही जागेगा। क्योंकि पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ रवि श्रीवास्तव, एके सिंह वन संरक्षक, भोपाल महेन्द्र यादुवेन्द्र, सीपीएफ भोपाल रवि खुड़े, उप वनमंडल अधिकारी सहित निचले तबके के वह सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं जो अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए बाघों के मूवमेंट को नैचुरल बता रहे हैं।कुछ माह पहले बाघ मेंडोरा और मेंडोरी के आसपास जंगलों में देखा गया था। इसके बाद यहां ग्रमीणों में काफ दहशत फैल गई थी। बाद में बाघ का मूवमेंट यहां से कलियासोत और केरवा की ओर ज्यादा देखा गया।6 सितंबर 2015: केरवा क्षेत्र में एक महिला का बाघ से सामना हुआ। गनीमत यह रही कि इसी बीच केरवा की ओर से कार में आ रहे तीन युवकोंं ने उन्हें बाघ के सामने देखा तो खींचकर कार में बैठा लिया।2 अगस्त 2015: कलियासोत के पास दिखा बाघ, बाइक सवार छात्रों ने बाघ टी-1 का फोटो खींचा था।3 अगस्त 2015: चंदनपुरा के पास बाघ का मूवमेंट। वन विभाग की टीम ने सैलानियों को भगाया।15 सितंबर 2015: नंदिन गौशाला में गाय पर बाघ का हमला।17 सिंतबर 2015: कोलार मेन रोड से तीन किमी की दूरी पर बैरागढ़ चीचली में चरवाहे जंगल जा रहे थे। तभी बाघ ने जानवरों के समूह और चरवाहों पर हमला बोल दिया था। बाघ की दहाड़ सुन पास में मवेशी चरा रहे चरवाहों ने शोर किया तो बाघ जंगल में भाग गया।दिनेश यादव, चरवाहा जिसे बाघ दिखा था