भोपाल के नजदीक बाघों की संख्या में एक बार फिर से बढ़ोतरी होने के आसार हैं। वन विभाग के गश्ती दल की नजर बाघिन टी-2 द्वारा जन्मी बाघिन टी-13 पर है जो बच्चों को जन्म देने के लिए नया ठिकाना ढूंढ़ रही है। शावक कहीं शिकारियों के हाथ न लग जाए इसलिए इनकी चौकसी की विशेष व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही समरधा में टी-21 अपने चार शावकों के साथ मूवमेंट पर है। इसके अलावा औबेदुल्लागंज के जंगलों में भी एक और बाघिन अपने शावकों के साथ पहली बार कैमरे में ट्रैप हुई है।
इसके बाद समरधा, केरवा और कलियासोत के जंगलों में वन रक्षकों की गश्त सुबह पांच बजे से शुरू कर दी गयी है। गौरतलब है कि वन विभाग में यह कसावट पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने बालाघाट और छिंदवाड़ा के मुख्य वन संरक्षकों को लिखे पत्र में शिकारियों के बारे में अलर्ट के बाद बढ़ी है। इस अलर्ट में यह बताया गया है कि पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित आठ राज्यों के 30 खतरनाक शिकारी पुलिस निगरानी से लापता हैं। आशंका है कि ये लोग बाघों का शिकार करने की फिराक में भोपाल तथा आसपास के जंगलों में पहुंच सकते हैं। इसके चलते भोपाल में गश्त बढ़ा दी गई है। मुस्तैद रहने की हिदायत के साथ यह जानकारी पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने भोपाल, बालाघाट और छिंदवाड़ा के मुख्य वन संरक्षकों को लिखे पत्र में शिकारियों के बारे में अलर्ट जारी किया है।
कलियासोत, केरवा के जंगलों के वाटर होल सूखने के कारण वन्य प्राणियों का मूवमेंट शहर के पास की वाटर बाडीज की तरफ हो गया है। इस कारण वन विभाग की एक टीम केरवा और कलियासोत डेम के पास गश्त लगा रही है।