बारिश में नालों का पानी निचली बस्ती के घरों में न घुसे इसके लिए नए और पुराने भोपाल के साथ कोलार के नालों के अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाये जाएंगे। उनकी सफाई की व्यवस्था को अपडेट किया जा रहा है। शहर में तबाही मचाने वाले नालों और उनकी सफाई व्यवस्था को खुद महापौर आलोक शर्मा देखेंगे । जिसमें शहर के नालों की स्थिति की जानकारी ली जाएगी। शहर में तेज बारिश की स्थिति में घरों में पानी घुसने की समस्या से किस तरह से निजात पाया जाएगा, इस संबंध में भी कार्य योजना बनायी जाएगी। निचले इलाकों के बाद सबसे ज्यादा नालों के आस-पास के मकानों में आ रहीं हैं। इसका एक बड़ा कारण नालों पर अतिक्रमण होना सामने आया है।
भोपाल में बारिश के दौरान तबाही ला देने वाले नालों में 80 फीट रोड का नाला,पांच नम्बर क्षेत्र का नाला ,कोलार का नाल,12 नम्बर क्षेत्र के पास का नाला
,त्रिलंगा से गुलमोहर के पास का नाला , 6 नम्बर के पास का नाला,कोलार सनखेड़ी का नाला ,नेहरु नगर में ननि जोन क्रमांक 6 का नाला, अशोका गार्डन क्षेत्र का नाला, भोपाल टाकीज के पास सैफिया कॉलेज के पास का बड़ा नाला शामिल है।
पुराने शहर में दो साल पहले जिन क्षेत्रों में नालों के पानी ने तबाही मचाई थी अभी तक उनकी सही तरीके से सफाई नहीं हुई है। ऐशबाग के पास महामाई के बाग का नाला, कम्मूखां का नाला, चांदबड़ का नाला और बिस्मिल्ला कालोनी के नालों का पानी ही घरों में घुसा था, लेकिन उसके बाद भी निगम ने उस घटना से सबक नहीं लिया है। स्थानीय सुरेश साहू का कहना है कि नालों की सफाई गहरायी तक की जानी चाहिए, लेकिन इसके ऊपर का कचरा निकाल कर वहीं लगा कर सफाई कर्मी आगे बढ़ गये हैं। बारिश में यह कचरा वापस उसमें मिल जाएगा।
कोलार में भी अतिक्रमण
कोलार क्षेत्र के नाले पर रसूखदारों का कब्जा है, जिसके चलते नालों का अस्त्तिव मिटता जा रहा है। कई नालें दस्तावेजों में हैं,और धरातल पर खत्म हो गए। सबसे ज्यादा दिक्कत बारिश के समय होती है। अगर समय रहते नालों का सीमांकन नहीं किया गया तो कई कॉलोनियां और बस्तियां जलमग्न हो जाएंगी। बताया जा रहा है कि इस समय क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक नाले अतिक्रमण की चपेट में हैं।
मेयर आलोक शर्मा कहते हैं बारिश के पहले नालों की सफाई कराई जाएगी। जहां अतिक्रमण है उन्हें हटाया जाएगा ताकि कही भी जलभराव की स्थिति न बने और नागरिकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।