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नहीं सुनी जाती कोलार की शिकायतें
kolar water complent
 
1700 शिकायतों पर कार्रवाई ही नहीं
 
सफाई, पानी, स्ट्रीट लाइट और अतिक्रमण आदि की शिकायत के लिए बनाए गए नगर निगम का कॉल सेंटर ही बीमार हो गया है इन पर कोलार की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है । बीते दो महीने से यहां 1700 से ज्यादा शिकायतें लंबित हो गई है। कॉल सेंटर के जरिए जो काम तीन दिन में होना चाहिए, उसमें दो महीने लग रहे हैं। यह खुलासा नगर निगम की ही एक रिपोर्ट में हुआ है। खास बात यह है कि इनमें से सबसे ज्यादा पानी की समस्याओं की है वो भी कोलार से । रोजाना आने वाले 200 शिकायतों में से अकेले पानी पर 40 से 50 शिकायतें हैं।
नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक सफाई, सीवर लाइन जाम, कचरा उठाने व बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट को दुरुस्त करने में भी लगातार देरी हो रही है। इसके चलते निगम के पास हर महीने शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। यह स्थिति तब है जबकि शिकायतों के निपटारे के लिए निगम ने बीते तीन साल में दो हजार से ज्यादा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की भर्ती की है। दैवेभो की अतिरिक्त नियुक्ति के कारण हर साल वेतन के रूप में करीब 10 करोड़ रुपए का भार भी बढ़ गया है।
नगर निगम के काल सेंटर नंबर 2701000 और राज्य शासन के टेली समाधान नंबर 15343 पर आप निगम से संबंधित सेवाओं की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। टेली समाधान नंबर 15343 पर शिकायत दर्ज कराने के बाद यदि निगम कार्रवाई नहीं करता है तो यह अपने आप निगम कमिश्नर और फिर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव के पास चली जाती है।
कॉल सेंटर में आईं 1700 की पेंडेंसी के चलते निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज ने अफसरों की जिम्मेदारी तय की है। अब 15 जून से नई व्यवस्था के तहत कॉल सेंटर से मिली शिकायत संबंधिक अधिकारी के पास फोन और एसएमएस से दी जाएगी। उनके मुताबिक कॉल सेंटर में प्रथम पारी में सुबह 8 से 4 बजे तक तीन कर्मचारी, दूसरे पाली में 4 से 12 बजे तक, तीसरे पाली में रात 12 से सुबह 8 बजे तक एक कर्मचारी कॉल सेंटर में तैनात रहेगा।
Kolar News 4 June 2016

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