विधायक रामेश्वर शर्मा ने स्लाटर हाउस का विरोध शुरू कर दिया है। उनकी मांग पर आदमपुर छावनी से स्लाटर हाउस प्रोजेक्ट रद्द किया गया था। लेकिन अब उन्होंने नई जगह मुगालिया कोट में भी इसका विरोध करते हुए कहा है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कहीं पर भी स्लाटर हाउस नहीं बनने देंगे। महापौर आलोक शर्मा भी विधायक के रवैए से नाराज बताए जा रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक बयानबाजी की बजाय पार्टी फोरम में ही मामला उठाएंगे।
विधायक के निवास पर मुगालिया कोट के किसान स्लाटर हाउस का विरोध करने पहुंचे थे। उनके ज्ञापन सौंपने के बाद विधायक शर्मा ने कलेक्टर और कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा कि यदि मुगालिया कोट में स्लाटर हाउस बनाया जाता है तो आंदोलन होगा, जिसकी जिम्मेदारी नगर निगम और जिला प्रशासन की होगी। शर्मा के मुताबिक विधानसभा क्षेत्र में किसी भी कीमत पर स्लाटर हाउस नहीं बनने देंगे। चाहे उन्हें आंदोलन ही क्यों न करना पड़े। शर्मा ने सवाल किया कि आखिर नगर निगम हमारे ही क्षेत्र में बार-बार स्लाटर हाउस क्यों खोलना चाहता है। वह भी जनप्रतिनिधियों और रहवासियों से चर्चा के बिना।
विधायक का कहना है कि नगर निगम अफसर कोई भी निर्णय लेने से पहले नागरिकों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा क्यों नहीं करते? मुगालिया कोट में जिस जगह निगम स्लाटर हाउस बनाना चाहता है उससे कुछ ही दूरी पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से हिंदी विश्वविद्यालय बनाया जाना है। जिस गांव में इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय संस्था स्थापित होने वाला हो, उसमें स्लाटर हाउस खोलने का निर्णय अविवेक पूर्ण है।
गौरतलब है कि 22 मई को जिंसी स्थित स्लाटर हाउस को आदमपुर छावनी में शिफ्टिंग के लिए जगह चिन्हित की गई थी। लेकिन विधायक शर्मा के विरोध के बाद निगम प्रशासन ने नई जगह की तलाश शुरू कर दी थी। अब मुगालिया कोट में भी विरोध शुरू हो गया है।
नगर निगम अफसरों के मुताबिक एनजीटी के निर्देश पर स्लाटर हाउस की शिफ्टिंग शहर के बाहर होनी है। यदि सभी विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में विरोध करते हैं तो स्लाटर हाउस कैसे शिफ्ट हो पाएगा। इस तरह के विरोध से तो विकास कार्य हो ही नहीं पाएंगे।
विधायक रामेश्वर शर्मा कहते हैं जो पंचायत अनुमति दे और जहां के 70 फीसदी लोग मांसाहारी हों वहां स्लाटर हाउस बनाया जाए। जब हमारे क्षेत्र में मांस खाने वाले लोग ही नहीं हैं तो फिर क्षेत्र में स्लाटर हाउस क्यों बनना चाहिए। हमने कलेक्टर और निगम आयुक्त को पत्र लिखकर स्लाटर हाउस पर रोक लगाने की मांग की है।
मेयर आलोक शर्मा ने कहा मुख्यमंत्री और सभी जनप्रतिनिधियों से चर्चा के बाद ही स्लाटर हाउस की जगह का चयन किया जाएगा। अभी तो विभागीय प्रस्ताव आया है, अभी स्थान फाइनल नहीं हुआ है।