26 जनवरी से सरकार देगी सस्ते एलईडी बल्ब
ख्याति गुप्ता कोलार इलाके में सस्ते एलईडी बल्व बाँटने की योजना की शुरुवात 26 जनवरी को दानिश कुंज बिजली घर से की जाएगी । सबसे पहले कोलार इलाके के स्लम एरिया में रहने वाले उन उपभोक्ताओं के एलईडी बल्व दिए जायेंगे जिनकी माली हालत ठीक नहीं है ,इन बल्वों का पैसा थोड़ा थोड़ा कर के बिजली के बील में आएगा । एक परिवार को आठ वॉट के अधिकतम 10 बल्ब मिलेंगे। प्रत्येक बल्ब की कीमत 80 से 100 रुपए होगी। बाजार में एक एलईडी बल्ब की कीमत 350 से 600 रुपए तक होती है।मप्र ऊर्जा विकास निगम के एमडी मनु श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में एलईडी बल्ब का वितरण 26 जनवरी से शुरू होगा। जल्द ही केंद्र सरकार तीन करोड़ बल्ब खरीदकर हमें देगी, जिन्हें प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को वितरित किए जाएंगे।पहले चरण में पूरे प्रदेश में तीन करोड़ एलईडी बल्ब बांटने का लक्ष्य है। योजना के तहत बिजली कर्मचारी लोगों को घर-घर जाकर बल्ब देंगे। साथ ही कुछ क्षेत्रों में कैंप लगाकर बल्ब बांटे जाएंगे। इनको लेने के लिए बिजली बिल व परिचय पत्र देना होगा। एलईडी बल्ब बिजली कनेक्शन के आधार पर मिलेंगे। एक घर में जितने कनेक्शन होंगे, उसके आधार पर बल्बों की संख्या तय होगी।केंद्र सरकार ने एलईडी बल्ब बांटने का निर्णय बिजली की खपत कम करने के लिए लिया है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में तीन करोड़ एलईडी बल्ब बांटने के लिए टेंडर कर दिए हैं। इसके लिए करीब 300 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अगले महीने से प्रदेश को बल्ब की सप्लाई शुरू हो जाएगी।बल्ब की तीन साल की वारंटी होगी। इसका उल्लेख टेंडर में भी किया गया है। आमतौर पर एलईडी बल्ब सीएफएल के मुकाबले तीन गुना से अधिक चलते हैं। सीएफएल बल्ब की जीवन अवधि 8 हजार घंटे होती है, जबकि एलईडी बल्ब की जीवन अवधि 25 हजार घंटे होती है। इस तरह एलईडी बल्ब लगाने के बाद इसे बार-बार बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही ये टूटते भी नहीं हैं।ऊर्जा विकास निगम के अधिकारियों का कहना है कि वह बिजली उपभोक्ताओं को सीएफएल या पुराने बल्ब की बजाय एलईडी बल्ब इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करेंगे। घर-घर जाकर भी इसकी जानकारी दी जाएगी और लोगों को बल्ब उपलब्ध कराए जाएंगे। रेडियो, टीवी व अखबारों में विज्ञापन के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। ये बल्ब खरीदना अनिवार्य नहीं होगा।