स्मार्ट सिटी का मतलब क्या गेमन प्रोजेक्ट का एक्सटेंशन है या फिर सारे शहर के लिए समग्रता के साथ अत्याधुनिक सुविधाओं की सौगात है? यह सवाल इसलिए कि, 8 हजार करोड़ की योजना के लिए बीएमसी के पास फंड नहीं है, जिसकी व्यवस्था हो भी जाए तो प्रस्तावित जमीन को लेकर भी संशय है। क्योंकि इससे पहले रीडेंसीफिकेशन के नाम पर हजारों सरकारी मकानों को जमींदोज किया जा चुका है। बावजूद, डेवलपमेंट प्लॉन का अता-पता नहीं है। ऐसे में जहां विकास नहीं है और जमीन भी पर्याप्त है, तो वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लांच करने की मांग उठने लगी है।
रेट्रोफिटिंग रेट्रो फिटिंग मॉडल के तहत 500 एकड़ का क्षेत्र चुना जाएगा। जिसमें 24 घंटे बिजली, पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था होगी। पूरा इलाका डिजिटल होगा। इसके साथ ही लोक परिवहन, स्ट्रीट लाइन और पर्यावरण की दृष्टि से इलाका विकसित होगा। इसमें से पांच एकड़ में स्मार्ट सिटी विकसित की जाएगी। यहां सायकल ट्रैक भी बनाया जाएगा।
नगर निगम सीमा में किसी पुरानी बसाहट को चुना जाएगा। जो 50 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई होगी। इसे तोड़कर नए सिरे से बसाहट की जाएगी। इनमें आधुनिक सुविधाएं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सीवेज निकासी, अच्छी सड़कें, आरओ वॉटर, वाई- फाई से लैस होगा।
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