उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी महाकालेश्वर मंदिर में विराजमान भगवान महाकाल ने महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन शनिवार को पुष्प मुकुट धारण कर श्रद्धालुओं को दर्शन दिये। वर्ष में एक बार होने वाली दोपहर की भस्मारती में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भगवान महाकाल के दर्शन पाकर लेकर श्रद्धालु अभिभूत हो गए। भगवान भोलेनाथ ने अपने भक्तों को दिव्य रूप में दर्शन दिये।
बता दें कि महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल मंदिर के पट 21 फरवरी को तडक़े 2.30 बजे खुल गए थे, जो कि अगले दिन शनिवार को रात 11 बजे बंद होंगे। इस दौरान भगवान महाकाल श्रद्धालुओं को लगातार दर्शन देते हैं। महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन शनिवार को सुबह 4.00 बजे भगवान महाकाल को सेहरा चढ़ाया गया और सुबह 6.00 बजे सेहरे की आरती की गई। उसके बाद सुबह 11.00 बजे सेहरा उतारा गया। तत्पश्चात शनिवार को दोपहर 12.00 बजे से भगवान महाकाल की भस्मारती शुरू हुई।
भगवान महाकाल की भस्मारती में शामिल हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया और अपने आप को धन्य महसूस किया। भस्मारती के पूर्व भी हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किये। इस बार महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा के साथ-साथ सभी तरह की व्यवस्थाएं व्यापक स्तर पर की गई थीं, जिसकी सभी ने सराहना की। भस्मारती में हजारों लोगों ने भगवान महाकाल के दर्शन कर आरती का लाभ लिया। भस्मारती के बाद मंदिर समिति की ओर से महाकाल प्रवचन हॉल में पारणा भोजन (ब्राह्मण भोज) हुआ। जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर एवं मंदिर के प्रशासक एसएस रावत ने महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्थाओं की सराहना कर मंदिर के कर्मियों का आभार व्यक्त कर सभी को धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि भगवान महाकाल की भस्मारती सुबह 4.30 से 6.00 बजे के बीच होती है, लेकिन महाशिवरात्रि के अलगे दिन साल में एक बार भस्मारती दोपहर में होती है। शनिवार को दोपहर में हुई भस्मारती में उज्जैन महापौर मीना जोनवाल, पार्षद और कई प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए। प्रशासक एसएस रावत शनिवार को सुबह से ही मंदिर की व्यवस्थाओं पर कड़ी नजर रखे हुए थे। प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं से आम श्रद्धालु प्रसन्न नजर आए। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित निर्गम गेट के सामने नि:शुल्क हरबल चाय सेवा का दो दिन में हजारों श्रद्धालुओं ने आनंद उठाया।