छतरपुर। प्रदेश सरकार द्वारा बेटियों की तरक्की के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कुपोषण मुक्त मध्यप्रदेश बनाना सरकार की प्राथमिकता है। सरकारी नौकरियों और स्थानीय चुनावों में बेटियों और महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। यह बात सोमवार को प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने खजुराहो के एक निजी होटल में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में कही। कार्यशाला का आयोजन यूएनएफपीए के सहयोग से किया गया था।
मंत्री इमरती देवी ने कहा कि प्रदेश की बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कमतर नहीं है। अच्छी सोच के साथ आगे बढऩे से कामयाबी मिलती है। कोई भी काम जिम्मेवारी और लगन के साथ करना चाहिए। वर्तमान में बेटियों की तरक्की के लिए परिवार और समाज की सोच में अंतर आया है। उन्होंने कहा कि शिक्षित मां से शिक्षित परिवार बनता है। उन्होंने महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों और मैदानी कर्मचारियों से पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य कर प्रदेश को विकसित बनाने में भागीदार बनने की अपील की। उन्होंने किशोरी बालिकाओं में लीडरशिप और स्किल डेवलपमेंट निर्माण के लिए ऐसे कार्यक्रमों को जरूरी बताया और यूएनएफपीए के इस प्रयास की सराहना की।
कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास आयुक्त नरेश पाल ने कहा कि पिछड़ापन दूर करने के लिए निचले स्तर के कर्मचारियों को जागरूक रहना अधिक जरूरी है। मंत्री के मार्गदर्शन में विभाग को नवाचार और बेहतर कार्य के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार मिले हैं। विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को आगामी 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के मौके पर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जागरूकता गतिविधियां बढ़ाने, योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने, बच्चों के चिन्हांकन में लापरवाही नहीं बरतने और किशोरी बालिका योजना का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन करने के लिए कहा। उन्होंने विभाग में ग्रेडिंग सिस्टम लागू होने की जानकारी भी दी।
कलेक्टर मोहित बुंदस ने बताया कि छतरपुर जिले में निरंतर मॉनिटरिंग के जरिए विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए परिवार और समाज को बेटियों को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। जिले में पॉस्को एक्ट में की गई कार्यवाही और समाज में अपराध की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी भी उन्होंने दी। उन्होंने कहा कि जिले में वन स्टॉप सेंटर के जरिए विपत्तिग्रस्त महिलाओं का पुनर्वास किया जा रहा है। इसके अलावा घरेलू हिंसा से प्रताडि़त महिलाओं के पुनर्वास, राष्ट्रीय किशोरी स्वास्थ्य योजना के जिले में क्रियान्वयन, लाडो अभियान और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में अवगत कराया।
उन्होंने ग्रामसभा में स्कूलों से ड्रापआउट बच्चों के संबंध में चर्चा करने, महिलाओं की सुरक्षा के लिए सिटी एप बनाने, एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव में निरंतर बढ़ोत्तरी, महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, डीवार्मिंग कैम्प, दस्तक, मिशन इन्द्रधनुष और टीकाकरण के बारे में अब तक की वस्तुस्थिति और आगामी कार्ययोजना के बारे में बताया। यूएनपीएफए के राज्य समन्वयक नीलेश देशपाण्डे ने राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया और कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में काउंसलिंग सेंटर खोले गए हैं।
मंत्री ने मोबाइल एप का किया विमोचन
महिला बाल विकास मंत्री ने कार्यशाला में समृद्धि (सेग) मोबाइल एप का विमोचन भी किया। इस एण्ड्राएड एप के जरिए विभागीय बैठकों और योजनाओं के क्रियान्वयन की बेहतर तरीके से रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग सुनिश्चित होगी।