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सीएम ने दिए निर्देश माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों पर दर्ज करें एफआईआर
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भोपाल। मुख्यमंत्री  कमलनाथ ने प्रदेश में माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों की शिकायतों को देखते हुए लोगों को इनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि माइक्रो फाइनेंस माफिया पनपने से पहले इस पर अंकुश लगायें। सक्रिय माइक्रो फाइनेंस माफिया पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई करें। मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में जनाधिकार कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टरों  को निर्देश दिए। 
 
मुख्यमंत्री ने किसानों के फसल ऋण माफी के दूसरे चरण की शुरूआत समय पर करने के निर्देश दिए। उन्होंने 31 मार्च तक अविवादित नामांतरण एवं बँटवारे संबंधित प्रकरणों को निपटारा आवश्यक रूप से कहा। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को और ज्यादा गतिशील बनाएँ। नकली दवाईयाँ बनाने वाली कंपनियों और इससे जुड़े माफिया पर लगातार निगरानी रखें और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी में आ रही समस्याओं का भी तत्काल समाधान करें। उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सभी प्रकार के एतिहाती उपाय करने के निर्देश दिये। 
 
सीएम ने शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का समाधान किया। कुछ प्रकरणों में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। टीकमगढ़ के एक शिकायतकर्ता द्वारा गलत परमिट पर वाहन चलाने, परमिट निरस्त नहीं किए जाने और डबल टैक्स वसूली संबंधी शिकायत पर टीकमगढ़ आरटीओ को हटाने और उसके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 
 
वहीं भोपाल जिले के एक प्रकरण में ‍शिकायतकर्ता यशोदा रजक की ओर से उनके पति ने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्रीन लेंड गृह निर्माण सहकारी संस्था भोपाल द्वारा उनके प्लाट का नामंतरण नहीं किया गया। सोसायटी की मिलीभगत से सोसायटी के सदस्य द्वारा उन्हें अविकसित प्लाट बेच दिया गया। उन्होंने गृह निर्माण सोसायटी से वैधानिक तरीके से प्लाट लिया। बेचने वाले और सोसायटी की मिलीभगत से अविकसित जमीन बेचने के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने सोसायटी और बेंचने वाले दोनों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रकरण शुद्ध रूप से माफिया से जुड़ा प्रकरण है। इसमें सोसायटी और प्लाट बेचने वाले दोनों की मिलीभगत है
 
रीवा में धान खरीदी में आ रही अनियमितताओं के संबंध में मुख्यमंत्री ने रीवा कलेक्टर से पूछताछ की। उन्हें बताया कि रीवा के किसानों की शिकायत है कि उन्हें धान की तुलाई में परेशानी आ रही इसे भी दूर किया जाए। मुख्यमंत्री ने देवास जिले में आंगनवाड़ी भवन बनने में तीन साल की देरी होने के प्रकरण में निर्देश दिए कि निर्माण में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी होने के 15-20 दिनों में कड़ी कार्रवाई करें। 
 
इंदौर जिले के एक प्रकरण के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि सूदखोर माफिया को सख्ती से रोकें। कलेक्टर इंदौर ने बताया कि माफिया के विरूद्ध अभियान चलने के कारण पिछले एक महीनें में सूदखोरी के 21 मामले सामने आए हैं। इन प्रकरणों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इंदौर के ही एक प्रकरण में शिकायतकर्ता को एक गृह निर्माण सोसायटी ने फ्लैट बुक करने के बाद भी उसका आघिपत्य नहीं मिलने को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलोनाइजर द्वारा आम जनता के साथ की गई धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। ऐसे कालोनाइजरों पर कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि इंदौर से गैरकानूनी कॉलोनी द्वारा किए जा रहे धोखाधड़ी के प्रकरण सामने आ रहे है। इसमें ढील न देकर कलेक्टर सख्त कार्रवाई करें। ग्वालियर में जीवाजी विश्वविद्यालय में एक्स-रे कोर्स परीक्षा में विलम्ब होने पर मुख्यमंत्री ने परीक्षा नियंत्रक और संबंधित लिपिक स्टाफ को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। 
 
बैठक में मुख्य सचिव एस आर मोहंती, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अशोक बर्णवाल और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
Kolar News 12 February 2020

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