भोपाल में मेट्रो ट्रेन के डेमो के बाद अब जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू होगा। इसके लिए भदभदा-रत्नागिरी तिराहे ,कोलार और करोंद-एम्स वाले रूट के हिस्से का सर्वे होगा और इसकी जद में आने वाले मकानों और दुकानों की स्थिति देखी जाएगी। इसके डेमो रन के लिए जो एरिया साफ किया जाएगा उसको किस तरह से अपडेट किया जाएगा, इस संबंध में भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
भदभदा-रत्नागिरि तिराहे ,कोलार और करोंद-एम्स इन रूट पर सबसे पहले मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है। इन रूट का कुछ हिस्सा 2018 तक तैयार करने के लिए मेट्रो रूट में आने वाली अड़चनों की तरफ भी फोकस किया जाएगा। इस रूट पर पहले चरण में 4 लाख लोग मेट्रो का उपयोग करेंगे। गौरतलब है कि भोपाल में 2019 तक मेट्रो प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा किया जाना है।
इससे पहले कल मुख्य सचिव अंटोनी डिसा और जापान से आए प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई चर्चा में राजधानी में चलने वाली मेट्रो के रूट प्लान पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस मौके पर जापान के मिनिस्ट्री आॅफ इकॉनामी, ट्रेड एंड इंडस्ट्री और मिनिस्ट्री आॅफ लैंड, इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट एंड टूरिज्म के अधिकारियों के साथ चार निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया था।
भोपाल में चलने वाले लाइट मेट्रो की डीपीआर को अब राज्य सरकार केन्द्र सरकार के पास परीक्षण के लिए भेजेगी। केन्द्र सरकार से इसका परीक्षण कर इसे जायका के पास लोन के लिए भिजवाया जाएगा ताकि मई-जून 2016 तक जायका का लोन स्वीकृत हो जाएगा और उसके साथ ही टेंडर भी जारी किया जाएगा।
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