सीहोर। राज्य सरकार ने राईट टू वाटर एक्ट का मसौदा तैयार कर लिया है। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में पाईप लाइन बिछा कर हर घर मे प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर प्रतिदिन स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने का वादा किया गया है। लेकिन जिले में 1031 में से 734 गांव आज भी नलजल योजना से अछूते हैं। यह गांव पारम्परिक जल स्रोत और हैंडपंपों के भरोसे हैं, जहां आज भी नलजल योजना नही पहुंच सकी है। जिसके चलते गर्मियों में जल संकट का सामना करना पड़ता है।
सरकार ने जल अधिकार कानून का पूरा खाका तैयार कर लिया है। जिसमे हर घर तक पाइप लाइन बिछाकर स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का वादा सरकार का है। जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर पानी रोजाना उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही दास्तान बयान कर रहे हैं, जिले के लगभग 70 प्रतिशत गांव आज भी नलजल योजना से अछूते हैं। जबकि दूरस्थ आदिवासी अंचलों के हालात तो और भी ज्यादा बुरे हैं, योजना के आभाव में ग्रामीण हैंडपंप और पारंपरिक जल स्रोतों पर निर्भर हैं जो फरवरी माह तक सूखने लगते हैं ऐसे में ग्रामीणों को कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। वर्तमान में जिले के 297 गांव में ही नलजल योजना संचालित है। जबकि जिले के अलग-अलग विकासखंडों के 734 गांव में आज भी नलजल योजना नही पहुंच सकी है। ऐसे में प्रत्येक घर तक पानी पहुँचाना बड़ी चुनौती होगी।
21 गांव में बंद पड़ी नलजल योजना
जिले में नलजल योजना दम तोड़ रही है। ग्राम मोगरा, नीलबड़, चेनपुरा, कालापीपल, दिवडिय़ा, थूनाकला, रामनगर, मगरदा, बाजार गांव, धनखेड़ी, ढाबला, कतपोन, महऊखेड़ा, चरनाल,तजपुरा, बड़ोदिया गाडरी, नोगाव, कल्याणपुरा, मेहतवाड़ा, पीलूखेड़ी हैदरगंज में नलजल योजना बन्द पड़ी है। विभाग की लापरवाही के चलते ग्राम मेहतवाड़ा में योजना विगत 6 साल से बन्द पड़ी है।
ग्राम पंचायत में होगा सर्वे
इस मामले को लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सीहोर के अधीक्षण यंत्री एमसी अहिरवार का कहना है कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में स्वच्छ पानी पहुचाने का लक्ष्य रखा गया है, जल्द ही ग्राम पंचायतों में सर्वे होगा।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
जिले में कुल गांव- 1031
नलजल योजना -297
नलजल चालू-276
नलजल बंद-21
नलजल योजना कनेक्शन- 45000
जिले में कुल कुल हैंडपंप- 9017
चालू हैंडपंप - 8839
बंद हैंडपंप - 178