भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार, 17 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने बड़े स्तर पर तैयारी की है। किसानों के कर्जमाफी, यूरिया संकट, बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार को घेरने का प्रयास करेगी जबकि कांग्रेस पार्टी सोमवार को देर शाम सीएम हाउस में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें विपक्ष को जवाब देने की रणनीति तैयार की जाएगी। कुल मिलाकर विधानसभा का सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं।
विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि यह मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा का चौथा सत्र है, जो कि मंगलवार 17 दिसम्बर से शुरू होगी 23 दिसम्बर तक चलेगा। इस दौरान सदन की पांच बैठकें होंगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में सदन में पहली बार एक दिन विधायकों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। इस दौरान विधानसभा के सभी सदस्य कुर्जा-पायजामा और जैकेट पहनेंगे।
विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को देर शाम भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही विधायक दल की बैठकें बुलाई हैं, जिनमें सत्र के दौरान एक दूसरे को घेरने को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। भाजपा जहां किसानों की समस्याओं, कर्जमाफी, कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगी।
खास बात यह है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को मंगलवार को एक साल पूरा हो रहा है। इसीलिए सोमवार शाम को होने वाली बैठक में सरकार भाजपा के घेराव से बचने और अपने एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को सदन में पेश करने की रणनीति बनाएगी। बताया जा रहा है कि सरकार इस सत्र में मीसाबंदी पेंशन को खत्म करने, किसानों की कर्जमाफी करने, अनुपूरक बजट सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव व विधेयक लाने की तैयारी में है।