छतरपुर। प्रदेश के कई जिलों में खाद संकट के कारण किसानों के परेशान होना पड़ रहा है, लेकिन छतरपुर के किसानों के लिए अच्छी खबर है कि उन्हें खाद संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। कृषि विभाग ने किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के लिए रणनीति बनाई है, जिसके तहत जिले के किसानों को अब तक 38138 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका है, जबकि अब भी जिले में 3955 मीट्रिक टन खाद मौजूद है। यही नहीं किसानों के लिए एक सप्ताह में एनएफएल और कृफको के खाद का एक-एक रैक ऑर्डर किया गया है, जो इसी सप्ताह ट्रेन के माध्यम से छतरपुर पहुंच जाएगा।
पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा पहुंचा खाद
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जहां 20733 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया था तो वहीं इस वर्ष विभाग ने किसानों के लिए 31500 मीट्रिक टन यूरिया का मांग पत्र सरकार को भेजा है जिसके विरूद्ध 20834 मीट्रिक टन खाद प्राप्त हो चुका है और इसमें से 17814 मीट्रिक टन खाद का वितरण भी किसानों को किया जा चुका है। किसानों के लिए अब भी 3020 मीट्रिक टन यूरिया स्टॉक में रखा हुआ है। जिले में इस वर्ष 3 लाख 38 हजार हेक्टेयर भूमि पर बुवाई की गई है जिसमें 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पर गेंहूूं, 65 हजार हेक्टेयर में चना और 17 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बुवाई की गई है। कृषि विभाग के मुताबिक बोवनी क्षेत्र के हिसाब से जिले के 113 सोसायटी और लगभग 150 निजी स्थानों से खाद की बिक्री कराई जा रही है।
कृषि विभाग के जिला उप संचालक मनोज कश्यप ने बुधवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि जिले में खाद पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। किसानों को किसी भी खाद संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि खाद बिक्री के लिए इस बार नीति में परिवर्तन किया गया है। पहले जहां 60 प्रतिशत सरकारी क्षेत्र एवं 40 प्रतिशत निजी क्षेत्रों से खाद की बिक्री होती थी तो वहीं इस बार 80 प्रतिशत शासकीय एवं 20 फीसदी प्राइवेट क्षेत्र से खाद की बिक्री हो रही है। यही नहीं खाद की शत-प्रतिशत बिक्री, भू अधिकार पुस्तिका में दर्ज जमीन के आधार पर पीओएस मशीन के माध्यम से की जा रही है, जिससे शासकीय क्षेत्र में मौजूद खाद को कालाबाजारी से बचाया जा सके।
जिले में खाद बिक्री के रेट
यूरिया- 45 किलो- 267 रुपये
डीएपी- 50 किलो- 1200 रुपये
सुपर फास्फेट- 12 किलो- 334 रुपये