भोपाल। व्यापार घाटे और असंतुलन की स्थिति को देखते हुए एक तरफ जहां देश में चीनी कंपनियों का विरोध हो रहा है, वहीं प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग मेड इन चाइना का समर्थन करते नजर आ रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग बच्चों को पढ़ाने और सिखाने के लिए जिन एजुकेशनल पजल और उपकरणों का सहारा ले रहा है, वे चीन के बने हुए हैं।
प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने बुधवार को राजधानी की एक होटल में विभाग की मीडिया कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस कार्यशाला का आयोजन स्कूल शिक्षा विभाग की पिछले एक साल की उपलब्धियों तथा आगामी योजनाओं की जानकारी मीडिया को देने के लिए किया गया था। कार्यशाला में उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों को वो उपकरण भी दिखाए गए जिनका प्रयोग बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए विभाग द्वारा किया जा रहा है। एजुकेशनल पजल और अन्य उपकरणों को देख मीडिया प्रतिनिधि उस समय चौंक गए, जब इन उपकरणों पर चीनी कंपनियों की सील लगी दिखाई दी। इसके बाद कार्यशाला में उपस्थित पत्रकारों के बीच चीनी कंपनियों के बनाए उपकरण ही चर्चा का विषय बने रहे। वहीं, कुछ पत्रकार यह कहते भी सुने गए कि अपने इस तरीके से स्कूली शिक्षा विभाग बच्चों की समझ को भले ही विकसित न कर पाए, लेकिन चीनी कंपनियों का कारोबार बढ़ाने में जरूर मदद कर रहा है।