शासकीय कर्मचारियों को तृतीय उच्च वेतनमान
मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना को मंजूरी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में ऐसे शासकीय सेवकों को तृतीय उच्च वेतनमान देने का निर्णय लिया गया जिन्हें शासकीय सेवा में नियुक्ति की तिथि से दो पदोन्नत/क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान का ही लाभ प्राप्त हुआ है और जिन्होंने एक जुलाई 2014 अथवा इसके बाद की तिथि से 30 वर्ष या इससे अधिक अवधि की सेवा पूरी कर ली हो। इस निर्णय के फलस्वरूप सरकार पर 418 करोड़ रुपये का व्यय भार आयेगा।शासकीय सेवक की तीसरे उच्च वेतनमान के लिये सेवावधि की गणना वर्तमान सेवा के आधार पर प्रतियोगी/चयन परीक्षा के माध्यम से किसी सीधी भर्ती के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से होगी। ऐसे शासकीय सेवक जिन्हें सेवा की समयावधि के आधार पर समयमान वेतनमान की पात्रता बनती है तथा देय समयमान वेतनमान/ग्रेड वेतन उस शासकीय सेवक को लागू भर्ती नियमों में उसके पदोन्नत पद के वेतनमान/ग्रेड वेतन से न्यून है, तब पदोन्नत पद के लिये भर्ती नियमों में निर्धारित शैक्षणिक अर्हताएँ समयमान/वेतनमान की पात्रता के लिये विचार में नहीं ली जायेंगी।मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजनाप्रदेश के दूरस्थ गाँवों तथा आदिवासी अँचलों में सुरक्षित और आरामदेह सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने के लिये मंत्रि-परिषद् ने मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना लागू करने का निर्णय लिया। इससे इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक विकास भी होगा। योजना में ग्रामीण मार्ग उन्हें माना जायेगा, जो गाँवों को निकट के मुख्य मार्गों अथवा ब्लॉक/तहसील(जिला मुख्यालय को छोड़कर) से जोड़ते हों। इन मार्गों का अंश मुख्य मार्ग भी हो सकते हैं, किन्तु यह अंश 10 किलोमीटर से अधिक नहीं होगा।इन मार्गों पर चलने वाली वाहनों को खास रंग दिया जायेगा ताकि उनकी अलग से पहचान हो सके और उनका दुरुपयोग अन्य क्षेत्रों में न किया जाये। वाहनों पर दोनों तरफ 'मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन सेवा' लिखा रहेगा। यह वाहन जीपीएस से युक्त होंगे। मुख्यमंत्री ग्रामीण परिवहन सेवा के वाहनों का मोटरयान कर जीवनकाल के लिये एक प्रतिशत की दर पर लिया जायेगा। परमिट पाँच वर्ष के लिये दिया जायेगा तथा परमिट नवीनीकरण पर अतिरिक्त मोटरयान कर जमा नहीं करना होगा। इस योजना के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने के लिये ग्रामीण मार्गों पर चलने वाले सार्वजनिक परिवहन वाहनों के साधनों को 'मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना' में पूँजीगत/ब्याज अनुदान दिया जायेगा। सेवा के पर्यवेक्षण का कार्य राज्य-स्तर पर गठित एक समिति करेगी। जिला-स्तर पर इन वाहनों के संचालन पर निगरानी रखने का उत्तरदायित्व जिला/क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का होगा।कारीगर समृद्धि योजनामंत्रि-परिषद् ने पारम्परिक कारीगरों की बेहतरी के लिये मुख्यमंत्री कारीगर समृद्धि योजना लागू करने का निर्णय लिया। योजना में अनौपचारिक रूप से प्रशिक्षित कारीगरों को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण की व्यवस्था की जायेगी। योजना में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सबसे पहले मध्यप्रदेश भवन एवं संन्निर्माण कर्मकार निर्माण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों का प्रमाणीकरण किया जायेगा। योजना में निर्माण क्षेत्र में संलग्न 5000 व्यक्ति का प्रमाणीकरण किया जायेगा, जिस पर लगभग 3 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। सबसे पहले यह योजना इंदौर, भोपाल, सीहोर और जबलपुर जिले में लागू की जायेगी। पीढ़ियों से विभिन्न कौशलपूर्ण कार्यों में लगे कारीगरों को इस योजना का लाभ मिलेगा और उनके जीवन में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।विद्यार्थियों को स्मार्ट फोनमंत्रि-परिषद् ने दृष्टिपत्र संकल्प-2013 के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन देने का निर्णय लिया। विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रवेश दिनांक से स्मार्ट फोन वितरण किये जाने तक 75 प्रतिशत अनिवार्य होगी। सभी शासकीय महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को यह सुविधा मिलेगी और इसमें किसी प्रकार का बंधन नहीं होगा।